केंद्र ने शनिवार (अक्टूबर 10, 2020) को एक अधिसूचना जारी कर सूचित किया है कि केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित महिला के कथित गैंगरेप और हत्या की जाँच का जिम्मा संभालेगी।
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी शनिवार देर रात तक या रविवार (अक्टूबर 11, 2020) की सुबह एफआईआर दर्ज कर सकती है। सीबीआई राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को फिर से दर्ज करेगी और अपराध की जाँच शुरू करेगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गत शनिवार (अक्टूबर 3, 200) को हाथरस कांड की जाँच के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी। केंद्र सरकार की डीओपीटी विभाग के नोटिफिकेशन के बाद सीबीआई ने हाथरस केस को टेकओवर कर लिया है। जल्द ही सीबीआई हाथरस केस की जाँच शुरू करेगी।
Central Bureau of Investigation (CBI) takes over the investigation of the #Hathras alleged gangrape case pic.twitter.com/olYgweboAu
— ANI UP (@ANINewsUP) October 10, 2020
अभी तक हाथरस कांड की जाँच विशेष जाँच दल (SIT) कर रही थी। हाल ही में इस जाँच को पूरा करने के लिए यूपी सरकार ने 10 दिनों का और वक्त दे दिया था, ताकि सच सामने आ सके। माना जा रहा था कि इस मामले में लगातार बढ़ते विवाद की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया, लेकिन अब ये मामला सीबीआई के पास पहुँच गया है।
बता दें कि 19 वर्षीय दलित युवती से 14 सितंबर को चार युवकों ने कथित रूप से गैंगरेप किया था। पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि हाल ही में हाथरस केस में एक नया वीडियो सामने आया। कहा गया कि यह वीडियो 14 सितंबर 2020, यानी घटना वाले दिन का ही है। इसे तब शूट किया गया था जब पुलिस मौके पर जाँच करने पहुँची थी। वीडियो में खेत में कई सामान बिखरे नजर आ रहे हैं।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस वीडियो को लेकर यह दावा किया है कि मौका-ए-वारदात पर कम से कम चार लोग मौजूद थे और लड़की की माँ भी महज 3 मीटर की दूरी पर थी। ऐसे में अगर लड़की चीखती-चिल्लाती तो उसकी आवाज इतनी दूरी से साफ सुनी जा सकती थी।
उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर को हाथरस में हुई इस घटना के बाद से सवर्ण बनाम दलित की बहस ने जोर पकड़ा हुआ है। अब तक मीडिया ये कहती रही कि मृतका के साथ गैंगरेप हुआ था। हालाँकि, इस वीडियो के सामने आने के बाद और पुलिस के दावों को देख कर सवाल उठ रहा है कि जब मृतका से उसकी माँ मात्र 3 मीटर की दूरी पर थी तो कैसे उन तक आवाज नहीं पहुँची।
इस मामले में यह भी गौर करने वाली बात है कि आरोपित पक्ष की ओर से लगातार मृतका के साथ कुछ भी गलत किए जाने की बात से इनकार किया जा रहा है। आरोपितों ने आज इस बाबत जेल से एसपी को पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने बताया है कि मृतका की माँ और भाई ने ही उसकी पिटाई की, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
इस घटना को लेकर काफी विवाद हुआ। विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार को निशाने पर लिया और देश भर में प्रदर्शन हुए। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जाँच की घोषणा की। हाथरस मामले में एसआईटी की जाँच के आधार पर एसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
इसी मामले को लेकर योगी सरकार ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर की थी। इसमें लिखा गया था कि सरकार चाहती है कि इस तरह के दुखद हादसे में मारी जाने वाली युवती को न्याय मिले। मामले का सच सामने आए। इसलिए, उसने पहले एसआईटी का गठन किया। फिर मामला सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की गई।