Monday, November 18, 2024
Homeदेश-समाजसेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: निर्माण को ग्रीन सिग्नल देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय को...

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: निर्माण को ग्रीन सिग्नल देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

खास बात यह है कि एडवोकेट प्रदीप यादव हाई कोर्ट में सेंट्रल विस्टा के मामले में पक्षकार नहीं थे। अधिवक्ता प्रदीप कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट का यह कहना गलत है कि इसमें काम करने वाले श्रमिक परियोजना स्थल पर रह रहे हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण की छूट दिए जाने के बाद अब इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। अधिवक्ता प्रदीप कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट का यह कहना गलत है कि इसमें काम करने वाले श्रमिक परियोजना स्थल पर रह रहे हैं।

उन्होने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी ने अपने एफिडेविट में कहा था कि श्रमिक सराय काले खाँ में रह रहे थे, जो परियोजना स्थल से काफी दूर था और उन्हें वहाँ तक आने-जाने के लिए पास जारी किए गए थे।

खास बात यह है कि एडवोकेट प्रदीप यादव हाई कोर्ट में सेंट्रल विस्टा के मामले में पक्षकार नहीं थे। बता दें कि बीते 20 मार्च 2021 को केंद्र सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के स्वरूप में बदलाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, जो कि सेंट्रल दिल्ली की 86 एकड़ की जमीनों से जुड़ा हुआ था। इसमें राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और केंद्रीय सचिवालय समेत कई इमारतें शामिल हैं।

5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका

इससे पहले इसी साल 5 जनवरी 2021 को सर्वोच्च न्यायालय की तीन जजों की बेंच ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते हुए भूमि उपयोग और पर्यावरण मानदंडों के कथित उल्लंघन के आरोप वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (31 मई 2021) को केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी सेन्ट्रल विस्टा पुनरोद्धार परियोजना पर रोक लगाने से इनकार करते हुए इसके लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका में कोरोना महामारी के मद्देनजर इस प्रोजेक्ट को रोकने की अपील की गई थी, जिसके तहत नए संसद भवन का निर्माण होना है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर ही एक लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए सेंट्रल विस्टा को ‘राष्ट्रीय महत्व का एक अत्यावश्यक परियोजना’ कहा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -