छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अवैध धर्मान्तरण को ले कर दो पक्षों में विवाद हुआ है। यह विवाद दुर्ग के चरोदा के वीएमवाय जी केबिन गणेश चौक बस्ती में हुआ। यहाँ एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर भोले भाले लोगों को धर्मान्तरित करने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरे ईसाई पक्ष ने प्रार्थना के दौरान घऱ में घुसकर मारपीट, दान पेटी लूटने सहित महिलाओं व बच्चों से मारपीट का आरोप लगाया है। यह घटना रविवार (7 नवम्बर 2021) की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में थाना जीआरपी द्वारा ईसाई पक्ष की शिकायत पर प्रथम पक्ष ज्योति शर्मा के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया गया है। जबकि ज्योति शर्मा द्वारा दी गई शिकायत पर जाँच करने की बात कही गई है। पुलिस को दी गई शिकायत में रुक्मिणी सोनवानी ने अपने घर में पिछले 15 वर्षों से ईसाई समुदाय द्वारा प्रार्थना सभा आयोजित होना बताया है। रुक्मिणी के अनुसार रविवार सुबह करीब 9.30 पर ज्योति शर्मा ने 20-25 लोगों के साथ पहुँच कर उनके धर्म का अपमान किया। रोके जाने पर गाली गलौज करते हुए मारपीट की गई। ज्योति शर्मा छत्तीसगढ़ में धर्म जागरण समन्वय विभाग की पदाधिकारी हैं।
ईसाई पक्ष के लोगों द्वारा थाने में भी हंगामा किए जाने की खबर है। रिपोर्ट के अनुसार थाने में थानेदार को ही धाराओं और उनमें मिलने वाली सज़ाओं के बारे में बताया जा रहा था। वो सभी उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही माने। इससे पहले थाने में ईसाई समुदाय के लोगों ने जीआरपी टीआई एलएस राजपूत को कानून का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। वह लोग हर आरोप के बाद उसकी धारा और उसकी सजा भी टीआई को बता रहे थे। इसके बाद टीआई से कागज में उन धाराओं को लिखवाकर उसकी फोटो भी क्लिक कर रहे थे। बाद में जीआरपी के उच्च अधिकारियों ने समुदाय के लोगों को समझाया और कहा कि अभी मामला दर्ज कर जाँच किया जाएगा। उसके बाद जो धारा घटे बढ़ेगी वह लगा दी जाएगी। इसके बाद वह लोग शांत हुए।
उधर ज्योति शर्मा के अनुसार ईसाई पक्ष के लोग पहले गरीबों को कर्ज देते हैं। फिर पैसा न चुकता कर पाने के बाद उन्हें धर्मान्तरण का विकल्प दिया जाता है। पुलिस ने उनकी शिकायत को जाँच में लिया है। ज्योति शर्मा के अनुसार पहले भी उस क्षेत्र में धर्मान्तरण की घटनाएँ हो चुकी हैं।
इससे पहले 17 अक्टूबर 2021 को दुर्ग में ही ग्रामीणों ने धर्मान्तरण का आरोप लगा कर 45 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था। यह घटना ओटेबंद गाँव में घटी थी। तब स्थानीय नंदिनी थाने की पुलिस ने बंधकों को छुड़वाया था। पुलिस ने बंधकों के पास से धार्मिक किताबों सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए थे। यह घटना स्पेशल प्रेयर मीट के आयोजन के दौरान घटी थी।