छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में इसके चेयरमैन, सत्ताधारी पार्टी कॉन्ग्रेस के नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों के सेलेक्शन पर हाईकोर्ट हैरान है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के बिलासपुर ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ऐसे 18 अधिकारियों की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट ने हैरानी जताई कि छत्तीसगढ़ पीएससी में अधिकारी और नेताओं के बेटे-बेटियों सहित रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पद दिए गए हैं। लाभ पाने वाले लोगों में कॉन्ग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी और सुधीर कटियार की बेटी-दामाद शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ पीएससी के चेयरमैन को पार्टी बनाने के बारे में पूछा
केस की सुनवाई बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई। उन्होंने सुनवाई के दौरान पूछा कि इतने गंभीर मामले में पीएससी के चेयरमैन को पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया।
इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने चेयरमैन के पद के संवैधानिक होने की मजबूरी गिनाई गई। हालाँकि, कोर्ट ने साफ कहा है कि इन नियुक्तियों को रोका जाए और इस केस के साथ नोट भी अटैच किया जाए।
CG पीएससी परीक्षा 2021घोटाले को लेकर माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 18 कपूतो की नियुक्ति पर रोक लगाकर राज्य सरकार और पीएससी चैयरमेन टामन सोनवानी को आड़े हाथ लिया|सबूत नष्ट किए जाने वाले मामले पर कोर्ट ने कड़ी टिपण्णी की। शर्म करो- @bhupeshbaghel @INCChhattisgarh @AmitShah pic.twitter.com/DS4CTqzm3z
— Gouri Shanker Shrivas (@GouriShanker_CG) September 19, 2023
सत्ताधारी कॉन्ग्रेस पार्टी के नेताओं के नजदीकी रिश्तेदारों पर भी जताई हैरानी
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने इस मामले में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने छत्तीसगढ़ पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की छोड़िए, यहाँ छत्तीसगढ़ पीएससी के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के 5-5 नजदीकी रिश्तेदारों का चयन हुआ है। हाईकोर्ट ने चेयरमैन, अधिकारी और सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों के 18 पदों की नियुक्ति की जाँच कराने के निर्देश दिए।
इन लोगों की नियुक्तियों पर सवाल
बिलासपुर हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के मुताबिक, इन 18 लोगों को बड़े और अहम पद बाँटे गए हैं और करोड़ों का भ्रष्टाचार भी किया गया है। आरोप पत्र के मुताबिक, छत्तीसगढ़ पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे नितेश की नियुक्ति डिप्टी कलेक्टर के पद पर, बहू निशा कोशले डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुई है।
इसके अलावा, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल का चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। इनके सरनेम भी छिपाए गए हैं। यही नहीं, उनके भाई की बहू दीपा अजगले की नियुक्ति जिला आबकारी अधिकारी के पद पर और बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी बनाया गया है।
इसके अलावा, कॉन्ग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की बेटी खुशबू बिजौरी को भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया गया है। कॉन्ग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला को डिप्टी कलेक्टर का पद दिया गया है। कॉन्ग्रेस नेता सुधीर कटियार के दामाद शशांक गोयल और बेटी भूमिका कटियार को भी डिप्टी कलेक्टर पद दिया गया है।
भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल के सचिव अमृत खलको की बेटी नेहा खलको और उनके बेटे निखिल खलको दोनों को ही डिप्टी कलेक्टर का पद दिया गया है। इसके अलावा कॉन्ग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की बेटी प्रज्ञा नायक और बेटे प्रखर नायक को भी डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है।
बताते चलें कि छत्तीसगढ़ पीएससी 2021 का अंतिम परिणाम 11 मई 2023 को जारी हुआ था। इसमें 171 पदों पर भर्ती की गई है, जिनमें 15 लोगों का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हुआ है। इस मेरिट लिस्ट में पीएससी चेयरमैन के रिश्तेदारों और कॉन्ग्रेस नेताओं के करीबियों को जगह मिली।
रिजल्ट सामने आने के बाद विवाद शुरू हो गया। भाजपा नेता इन नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। आरोप लगाया कि साल 2019-2023 तक छत्तीसगढ़ की सभी भर्तियाँ विवादित रही हैं। इसके बाद से अब लोक सेवा आयोग आरोपों के घेरे में है।