छत्तीसगढ़ के कवर्धा में 3 अक्टूबर 2021 (रविवार) को हिंदू ध्वज उखाड़े जाने के बाद भड़की हिंसा को लेकर 18 आरोपितों को अदालत ने जमानत दे दी है। जमानत का आधार कबीरधाम पुलिस की कार्रवाई बनी। पुलिस ने इन सभी आरोपितों को 3 अक्टूबर को ही पकड़ लिया था। लेकिन FIR एक दिन बाद अर्थात 4 अक्टूबर को दर्ज पाई गई। इस हिंसा में एक पक्ष के 29 और दूसरे पक्ष के 79 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिन 18 आरोपितों को जमानत मिली है उसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यह जमानत स्थानीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से बुधवार (20 अक्टूबर 2021) को स्वीकृत की गई। सभी आरोपितों को जमानत देते हुए अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
जमानत की शर्तों में सभी को हर महीने थाने में हाजिरी देना, हर सुनवाई में उपस्थित रहना, दुबारा अपराध न करना, जाँच में पूरा सहयोग करना और सबूतों को प्रभावित न करना शामिल है। जमानत पाए आरोपितों के नाम हैं- आयुष शर्मा, ऋषभ चौरसिया, बसंत ध्रुव, नवदीप चंद्रवंशी, दीनू झारिया, आकाश तिवारी, तोरण दिवाकर, विष्णु कौशिक, सागर नामदेव, अंशु ठाकुर, मोंटी उर्फ भास्कर उज्ज्वल पांडे, तुकाराम, गजेंद्र पिता, शूरवीर, अमीर, गोलू और रिंकू।
जमानत पाए सभी 18 आरोपित दुर्ग जेल से रिहा कर दिए गए हैं। उनका स्वागत जोरदार तरीके से जेल के बाहर किया गया। मौके पर भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिन्दू परिषद और कई अन्य हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इससे पहले इस घटना के बाद से लापता बताए जा रहे दुर्गेश देवांगन को प्रह्लाद साहू के साथ मंगलवार (19 अक्टूबर 2021) को पुलिस ने रायपुर के माना से गिरफ्तार किया था। दुर्गेश के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसके साथ मारपीट की है।
इस पूरे मामले में विश्व हिन्दू परिषद ने पुलिस कार्रवाई को एकतरफा बताया है। VHP ने मामले की न्यायिक जाँच की माँग की है। विहिप के अनुसार कवर्धा SHO और अन्य जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड किया जाए। विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि थाना प्रभारी और दुर्गेश के बीच की कॉल डिटेल सार्वजानिक की जाए। दुर्गेश को खुद थाना प्रभारी ने लोहारा नाका चौक बुलाया था तो सुरक्षा भी उन्हीं की बनती थी। इसी के साथ वहाँ लगे CCTV कैमरे की फुटेज भी चेक करवाने की माँग की गई है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दुर्गेश देवांगन की माँ लक्ष्मी देवांगन, उसकी बहन व पिता भी मौजूद थे।