छत्तीसगढ़ में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर एक बार फिर लोगों का गुस्सा सामने आया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ऐसे ही एक मामले में रविवार (सितंबर 5, 2021) को नाराज लोगों ने राजधानी रायपुर के एक थाने में घुसकर आरोपित पादरी की पिटाई कर दी।
घटना रायपुर के पुरानी बस्ती थाने की है। पुलिस ने पादरी हरीश साहू को भटगाँव इलाके में जबरन धर्म परिवर्तन कराने की शिकायत मिलने के बाद हिरासत में लिया था। मामले सामने आने के बाद कुछ दक्षिणपंथी संगठन से जुड़े लोग भी थाने पहुँच गए। इसके बाद थाने में हंगामा हुआ और जो देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गई। कथित तौर पर नाराज लोगों ने पादरी की जूतों से पिटाई कर दी।
सोशल मीडिया में इस घटना से जुड़े वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसमें पादरी के साथ आए लोग और गुस्साई भीड़ के बीच नोंक-झोंक होती भी दिख रही है। पादरी पर कार्रवाई को लेकर लोगों ने थाने का घेराव कर हंगामा किया।
A pastor was allegedly beaten inside a police station in Raipur pic.twitter.com/jjNFgz2JGg
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 5, 2021
पुलिस के अनुसार हिन्दू कार्यकर्ताओं के समूह ने पादरी हरीश साहू पर धर्म परिवर्तन में शामिल होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद साहू को थाने बुलाया गया था। पादरी हरीश साहू छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के महासचिव अंकुश बरियाकर और प्रकाश मसीह के साथ पुलिस स्टेशन पहुँचे। दक्षिणपंथी संगठन का समूह वहाँ पहले से ही मौजूद था। कार्यकर्ताओं ने स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) के चेंबर के अंदर तीनों के साथ कथित तौर पर हाथापाई और गाली-गलौज की।
घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने पुरानी बस्ती थाना प्रभारी (SHO) यदुमणि सिदर को पुलिस लाइन में अटैच कर दिया और उनकी जगह इंस्पेक्टर नितेश ठाकुर को चार्ज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि बरियाकर ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सात लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर लिया है। संभव शाह, विकास मित्तल, मनीष साहू, शुभंगर द्विवेदी, संजय सिंह, अनुरोध शर्मा, शुभम अग्रवाल एवं अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। इन लोगों पर आईपीसी की धारा 147, 294, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक विरोध प्रदर्शन लगभग तीन घंटे तक चला और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इतना ही नहीं, थाना परिसर में एक समुदाय के लोग जहाँ इकट्ठा होकर प्रार्थना करने लगे तो वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे।
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य के कबीरधाम जिले के पोल्मी गाँव में जबरन धर्म परिवर्तन से आक्रोशित लोगों ने 25 वर्षीय पादरी कवलसिंह परास्ते के घर पर हमला कर दिया था। इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ के क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने पुलिस और राज्य सरकार पर ईसाई प्रार्थना स्थलों पर हमले के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। पन्नालाल ने कहा था, “यह एक बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति है, जो राज्य में प्रचलित हो गई है और सरकार इसे रोकने में विफल रही है। हम इस सरकार के सुस्त रवैये से बेहद आहत हैं।”