छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के उरला थाना के प्रभारी नितिन उपाध्याय ने सड़क पर लोगों को निकला देखकर उन्हें बेरहमी से पीट दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभागीय जाँच के आदेश दिए हैं।
#Raipur/ बिना वर्दी सड़क पर निकलकर लोगों पर डंडा चलाने वाले उरला थाना प्रभारी के खिलाफ सीएम ने दिए जांच के आदेश, छुट्टी पर भेजा pic.twitter.com/dxzNK0J0UI
— NaiDunia (@Nai_Dunia) June 8, 2020
वायरल वीडियो में हम देख सकते हैं कि थाना प्रभारी उपाध्याय हाथ में झोला थामे एक युवक को पीट रहे हैं और बचाने आई उसकी माँ को धक्का दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वीडियो रविवार (जून 7, 2020) सुबह रिकॉर्ड किया गया था। हालाँकि, थाना प्रभारी नितिन उपाध्याय इससे पहले भी कुछ राहगीरों को वीडियोज में पीटते नजर आए थे। इन विडियोज में देखा गया था कि टीआई ने सड़क से गुजर रहे लोगों को रोक-रोक कर बेरहमी से पीटा।
इसी क्रम में वह नाबालिग लड़के और उसकी माँ के पास पहुँचे। वीडियो में देखा गया कि पहले टीआई ने माँ-बेटे से कुछ बात की। फिर, हाथ में पकड़ी छड़ी से बेटे को मारने लगे। इस दौरान लड़के की माँ बीच में आईं। लेकिन, टीआई ने उनका ख्याल भी नहीं किया।
महिला को धक्का देते हुए थाना प्रभारी ने लड़के को मारना जारी रखा। खास बात ये है कि जिस समय नितिन उपाध्याय ने इस वाकये को अंजाम दिया, उस वक्त वह वर्दी में भी नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि अभी रायपुर शहर के बीरगाँव इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। जिसके कारण बीरगाँव पूरी तरह से सील है। लोगों के आने जाने पर भी यहाँ प्रतिबंध हैं। जरूरत के सामान भी यहाँ प्रशासन द्वारा पहुँचाए जा रहे हैं।
मौजूदा सूचना के मुताबिक, इस लाठीबाजी में कई लोगों को काफी चोटें आई। मामला प्रकाश में आने के बाद सीएम बघेल ने इसपर संज्ञान लिया और टीआई को तत्काल छुट्टी पर भेजा। इसके अलावा उनके ख़िलाफ़ जाँच के आदेश भी दिए गए हैं। कई लोग ट्विटर पर इस घटना को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
This is inhuman and not acceptable.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 8, 2020
Departmental enquiry has been constituted and he has been sent on leave. https://t.co/jLXxxCkApu
लोगों का पूछना है कि आखिर यह एक अपराधिक मामला है। अगर, आरोपित सरकारी कर्मचारी भी है तो भी इसमें विभागीय जाँच का क्या काम है? वहीं, कुछ लोगों का ये भी कहना है कि ऐसे अधिकारी को फौरन नौकरी से निकालना चाहिए।
CM sahib, this is a criminal case. There is nothing for a departmental inquiry in this, even if the assailant were a govt servant. Pl get a suo motu case registered as per the judgment in Lalita Kumari case. You don’t even need a complaint. Does Awasthi not know even this much?
— Dr. N. C. Asthana (@NcAsthana) June 8, 2020