Sunday, November 17, 2024
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‘जज अंकल, मुझे भी मम्मी-पापा के साथ नहीं रहना, तलाक चाहिए’: 11 साल के बेटे के आँसू से पसीजा माता-पिता का दिल, 9 साल चले विवाद के बाद साथ रहने का किया फैसला

एक बच्चे के मासूम से सवाल ने पति-पत्नी के बीच 9 साल से जारी विवाद का पटाक्षेप हो गया। दोनों ने एक-दूसरे पर कई केस कर रखे थे और दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में दोनों के बीच तलाक का केस भी अंतिम चरण में था। कोर्ट में 11 साल के बच्चे ने जो कहा, उसे सुनकर उसके माता-पिता ने न केवल तलाक लेने का फैसला छोड़ दिया, बल्कि वे साथ रहने को भी तैयार हो गए।

एक बच्चे के मासूम से सवाल ने पति-पत्नी के बीच 9 साल से जारी विवाद का पटाक्षेप हो गया। दोनों ने एक-दूसरे पर कई केस कर रखे थे और दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में दोनों के बीच तलाक का केस भी अंतिम चरण में था। कोर्ट में 11 साल के बच्चे ने जो कहा, उसे सुनकर उसके माता-पिता ने न केवल तलाक लेने का फैसला छोड़ दिया, बल्कि वे साथ रहने को भी तैयार हो गए।

दरअसल, तलाक के एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट की ओर से नियुक्त मध्यस्थता केंद्र में पति-पत्नी के बीच अंतिम सुनवाई थी। पति मनोज (परिवर्तित नाम) और पत्नी मनीषा (परिवर्तित नाम) वहाँ दोनों मौजूद थे। मनीष के साथ उसका 11 साल का बेटा भी आया था। तीनों मध्यस्थ के पास बैठे थे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे के सामने ही मनोज और मनीषा से मध्यस्थ ने अंतिम बार साथ रहने को लेकर सवाल पूछा। मध्यस्थ ने कहा कि अगर वे साथ रहने के लिए तैयार नहीं होंगे तो तलाक का अंतिम निर्णय के लिए केस को फैमिली कोर्ट में भेज दिया जाएगा। इस दौरान दोनों ने कहा कि वे अब साथ रहने के लिए तैयार नहीं हैं।

जब बच्चे ने अपने माता-पिता को देखा कि वे अब साथ नहीं रहेंगे तो उसके आँखों से आँसू आ गए। आँखों में आँसू देखकर वहाँ मौजूद जज ने पूछा, “क्या हुआ बेटा? आप दोनों में से किसके साथ रहना चाहते हो?” तब बच्चे ने कहा कि उसे अपने मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है। इस पर जज ने कहा कि दोनों साथ नहीं रहना चाहते। इसलिए वे तलाक ले रहे हैं।

इस बच्चे ने कहा, “जज अंकल, अगर ये साथ नहीं रह सकते तो मुझे भी इन दोनों से तलाक दे दीजिए। मैं रहूँगा तो दोनों के साथ नहीं तो किसी के साथ भी नहीं। मुझे कहीं और भेज दीजिए।” इसके बाद बच्चा रोने लगा। इस दौरान उसके माता-पिता ने उसे चुप कराने की कोशिश की, लेकिन उसने दोनों ने नाराजगी दिखाते हुए मध्यस्थ जज के पास चला गया।

इस घटना ने पति-पत्नी के मन पर गहरा प्रभाव डाला। दोनों पति-पत्नी आधे घंटे तक बाहर जाकर बातें कीं और फिर जज के सामने आकर बोले कि वे अब तलाक लेना नहीं चाहते हैं और साथ रहेंगे। वे एक साथ अपने बेटे के पास ही रहेंगे। दोनों ने कहा कि वे आपसी झगड़े में बच्चे का भविष्य भूल गए। दोनों पति-पत्नी ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर किए गए सभी मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है।

दरअसल, दिल्ली के लक्ष्मी नगर के व्यवसायी मनोज की शादी रोहिणी निवासी मनीषा से 21 जनवरी 2011 को हुई थी। इस शादी से उन्हें 8 जनवरी 2013 को लड़का हुआ। इसके बाद पति-पत्नी के बीच झगड़े होने लगे। 20 मार्च 2015 से दोनों अलग रहने लगे। लड़का अपनी माँ के पास रहने लगा। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर घरेलू हिंसा सहित तलाक के केस दायर किए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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