पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानन्द वाले मामले में कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा था कि पीड़िता को भी मामले की जाँच कर रही एसआईटी ने हिरासत में ले लिया है। क्योंकि उस पर चिन्मयानन्द को ब्लैकमेल कर ₹5 करोड़ माँगने का आरोप है। लेकिन अब खबर है कि छात्रा को हिरासत में नहीं लिया गया है। पीड़िता के वकील ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं प्राप्त हुआ है और न ही उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई की गई है। पीड़िता के गिरफ़्तारी की खबर गलत है। बता दें की कल सोमवार (सितम्बर 23, 2019) को इलाहबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता के वकील ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। जिस पर 26 सितम्बर को सुनवाई होनी है।
Anup Trivedi, victim’s advocate: Reports of the victim’s arrest is wrong. Till now we have neither received any notice nor any action has been taken against us. https://t.co/4V1qEVoDcD
— ANI UP (@ANINewsUP) September 24, 2019
हाईकोर्ट ने एसआईटी की जाँच प्रक्रिया पर भी संतुष्टि जताई है। एसआईटी के बारे में कोर्ट ने कहा था कि जाँच प्रक्रिया सही दिशा में जा रही है और सही तरीके से जाँच की जा रही है। बता दें कि पीड़िता और उसके दोस्तों का वीडियो सोशल मीडिया पर भी चल रहा है। अब कोर्ट इस बारे में निर्णय लेगा कि पीड़िता को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजना है या नहीं। हालाँकि, पीड़िता के गिरफ़्तार होने से स्वामी चिन्मयानन्द के ख़िलाफ़ चल रहे बलात्कार व यौन शोषण के मामलों पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। फ़िलहाल इस पर सुनवाई 26 सितम्बर को तय हुई है।
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसआईटी के आईजी नवीन अरोड़ा ने कोर्ट के सामने ब्लैकमेलिंग बात करते हुए आरोपित छात्रा और उसके दोस्त संजय की कॉल डिटेल पेश करते हुए बताया था कि दोनों के बीच 4200 बार बातचीत हुई थी। फिलहाल चिन्मयानंद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं।
शाहजहाँपुर स्थित स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल करके पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार के गंभीर आरोप लगाए थे। बाद में मीडिया के सामने छात्रा ने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया था। चिन्मयानंद को इस मामले में हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित एसआईटी इस प्रकरण की जाँच कर रही है।