भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलासा किया कि वह ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में एक रेडियो जॉकी के तौर मूनलाइटिंग कर चुके हैं। सीजेआई ने शनिवार (3 दिसंबर, 2022) को इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च, गोवा के पहले शैक्षणिक सत्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने ‘प्ले इट कूल, ए डेट विद यू और संडे रिक्वेस्ट’ जैसे कार्यक्रमों को भी होस्ट किया था।
डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “बहुत से लोग इस बारे में नहीं जानते हैं कि मैं अपने शुरुआती दिनों (20वें दशक) में रेडियो जॉकी के तौर पर मूनलाइटिंग भी करता था। संगीत के लिए मेरा प्यार आज भी कायम है। कानून के क्षेत्र में संगीत सुनना मुश्किल होता है। इसलिए जब भी मैं अपने काम से फ्री होकर घर जाता हूँ, तो संगीत का आनंद जरूर लेता हूँ।” उनकी वीडियो क्लिप को बार एंड बेंच ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
Did you know CJI DY Chandrachud moonlighted as a RADIO JOCKEY in his early 20’s – Do listen to him#SupremeCourt #SupremeCourtofIndia #cjichandrachud
— Bar & Bench (@barandbench) December 4, 2022
Video Credit – BCI pic.twitter.com/EdvRqntXST
इस कार्यक्रम में उन्होंने 20 के दशक की शुरुआत में अपने जीवन, कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) के अलावा कई और मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि शायद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के सामने एक समस्या यह थी कि वे कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) को क्रैक करने के लिए छात्रों की क्षमता को जाँचते हैं। उनके अनुसार, जरूरी नहीं है कि जिन छात्रों ने सीएलएटी (CLAT) क्रैक कर लिया हो, वे कानून की पढ़ाई के लिए सही सोच रखते हों।
क्या है मूनलाइटिंग?
मूनलाइटिंग (Moonlighting), यानी एक समय में एक से अधिक कंपनी के लिए काम करना। विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी (Rishad Premji) ने इसको लेकर सितंबर 2022 में ट्वीट किया था। उन्होंने ‘मूनलाइटिंग’ की तुलना धोखाधड़ी से करते हुए अपने ट्वीट में लिखा था, “तकनीक उद्योग में मूनलाइटिंग करने वाले लोगों के बारे में बहुत सारी बकवास है। सादा और सरल भाषा में यह धोखा है।” वहीं, ऋषद प्रेमजी से उलट ‘टेक महिंद्रा’ के सीईओ सीपी गुरनानी ने ‘मूनलाइटिंग (Moonlighting)’ का समर्थन करते हुए लिखा था, “समय के साथ बदलते रहने के लिए मूनलाइटिंग जरूरी है।”