इस्लामी आतंकी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को कराची में अज्ञात व्यक्ति द्वारा जहर दिए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे सही नहीं हैं। यह उसके एक रिश्तेदार ने बताया है। इससे पहले 17 दिसम्बर 2023 को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था कि दाऊद को जहर दिया गया है और अस्पताल में उसकी मौत हो गई है।
BREAKING : India's most wanted terrorist Dawood Ibrahim, the main accused of 1993 Mumbai bombings, responsible for killing hundreds of Indians was poisoned by unknown men in the evening of 15th December 2023. He was hospitalized & died today around 20:00 IST. (Credible Sources)
— Baba Banaras™ (@RealBababanaras) December 17, 2023
इन दावों में कहा गया था कि दाऊद इब्राहिम को जहर किसी अज्ञात आदमी ने दिया और इसके बाद उसे कराची स्थित एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहाँ गंभीर हालत में दो दिन रहने के बाद उसकी मौत हो गई। हालाँकि, ना ही दाऊद के परिवार ने और ना ही किसी अन्य आधिकारिक स्रोत से इसकी पुष्टि हुई थी।
दरअसल, वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाके करवाने वाला दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची के बेहद पॉश एवं सुरक्षित क्लिफ्टन इलाके में रहता है। भारतीय एजेंसियाँ लंबे समय से इसकी बारे में कहती रही हैं। हालाँकि, 1993 के बाद से उसकी कोई भी फोटो बाहर तक नहीं आई है।
अब सोशल मीडिया पर किए जा रहे इन दावों को लेकर समाचार वेबसाइट रिपब्लिक ने एक रिश्तेदार के हवाले से कहा है कि दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर सही नहीं है। रिपब्लिक ने दाऊद के रिश्तेदार का नाम स्पष्ट नहीं किया है। उसने रिश्तेदार के हवाले से बताया है कि दाऊद को जहर देने की बात अफवाह है।
उस कथित रिश्तेदार ने यह भी बताया कि दाऊद अभी कहाँ है, इसके बारे में उसे जानकारी नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों में यह भी कहा गया था कि दाऊद की मौत के चलते पाकिस्तान में इन्टरनेट भी बंद कर दिया गया था। दाऊद की मौत पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकड़ के नाम से एक ट्वीट भी वायरल हुआ था।
हालाँकि, ऑपइंडिया के फैक्ट चेक में सामने आया था कि पाकिस्तान में इन्टरनेट में आ रही समस्याओं का सम्बन्ध 18 दिसम्बर 2023 को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ‘तहरीक-ए-इन्साफ'(PTI) की एक वर्चुअल रैली से था। PTI का कहना था कि सरकार उनकी रैली को रोकने के लिए इन्टरनेट में रुकावट डाल रही है।
वही, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकड़ के नाम पर वायरल किए गए ट्वीट की जाँच करने पर पता चला था कि यह ट्वीट एक फर्जी अकाउंट से किया गया था। यह पाकिस्तान के कार्यवाही प्रधानमंत्री के नाम पर बनाया गया था। बाद में इस अकाउंट का नाम भी बदल दिया गया।