झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन ने दुमका में अंकिता सिंह की हत्या के मामले में ‘प्रेम प्रसंग’ खोज लिया। बसंत सोरेन दुमका से ही विधायक हैं। खुद हेमंत सोरेन ने 2019 विधानसभा चुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन वो साहिबगंज के बरहेट से भी लड़े थे और वहाँ भी उन्हें जीत मिली थी। ऐसे में उन्होंने अपनी परंपरागत सीट छोड़ दी थी, तब 2020 में हुए उपचुनाव में भाई बसंत को JMM से उतारा गया और उनकी जीत हुई।
अब उन्होंने अपने गृह जिले में 12वीं की 17 वर्षीय छात्रा अंकिता की हत्या पर बयान दिया है। अंकिता को शाहरुख़ हुसैन नाम के एक मनचले ने पेट्रोल छिड़क कर जला दिया, जिसके बाद इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। अंकिता उससे बात तक नहीं करना चाहती थी, लेकिन शाहरुख़ 2 वर्षों से उसे प्रताड़ित कर रहा था। वो अक्सर अंकिता के घर में घुस जाता था। स्कूल जाते वक्त छेड़खानी करता था। एक बार वो अंकिता के घर की ग्रील उखाड़ते हुए पकड़ा गया था।
‘लाइव लगातार’ से बात करते हुए बसंत सोरेन ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, “देखिए, प्रेम-प्रसंग का मामला है। इसमें व्यक्तिगत या सामाजिक तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता। हमारा-आपका प्रेम है और हमारी-आपकी प्रतिक्रिया है – इसमें घटना को अंजाम देने का काम कोई समाज तो करेगा नहीं न, या कोई पार्टी तो करेगी नहीं न। दो लोग साथ बैठे हुए हैं और उन्होंने मारपीट कर ली। कोई विधायक या कोई पार्टी, इसे किसी चीज से जोड़ना गलत है।”
हे भगवान! सोरेन परिवार के इन छोटे राजकुमार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई विधायक बसंत सोरेन को सदबुद्धि दीजिये न।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 29, 2022
जिस अंकिता को घर में सोये हुए अवस्था में जंगला से पेट्रोल छींट शाहरुख़ और छोटू खान ने जला कर मार दिया उसमें इनको प्रेम प्रसंग का एंगल कहाँ से दिखायी दे गया? pic.twitter.com/bLdoPSPXLh
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस क्लिप को शेयर करते हुए लिखा, “हे भगवान! सोरेन परिवार के इन छोटे राजकुमार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई विधायक बसंत सोरेन को सद्बुद्धि दीजिए न। जिस अंकिता को घर में सोई हुए अवस्था में खिड़की से पेट्रोल छिड़क शाहरुख़ और छोटू खान ने जला कर मार दिया, उसमें इनको प्रेम प्रसंग का एंगल कहाँ से दिखाई दे गया?” सिर्फ बसंत सोरेन ही नहीं, उनकी भाभी दुर्गा सोरेन भी दुमका के ही जामा से विधायक हैं।
अंकिता के परिजनों से मुलाकात करने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर समय पर इलाज मिलता तो उसकी जान बच सकती थी। एयरलिफ्ट कर समय पर राँची के रिम्स में लाया जा सकता था। उन्होंने पूछा कि दुमका जिले के सोरेन परिवार के दोनों विधायक उस समय क्या कर रहे थे? उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो की सरकार बच्ची की जान बचाने की बजाय अपराधियों को बचाने का प्रयास करती है। उन्होंने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से अपराधियों को सज़ा दिलाने की माँग की।