उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath, Uttarakhand) में जमीन धँसने और भूस्खलन की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बचाव अभियान शुरू किया है। प्रभावित परिवारों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। बता दें कि वहाँ ज्यादातर घरों में दरार आ चुकी है और कई इलाके रहने लायक नहीं बचे हैं।
Uttarakhand | District administration rescue operation underway after continuous landslides in Joshimath. Shelter homes arranged for people whose houses were affected due to landslides (05.01) pic.twitter.com/3TSP07pxRx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जोशीमठ के घरों में दरार आने और जमीन धँसने को लेकर वह शुक्रवार (6 जनवरी 2023) की शाम को उच्च अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह शनिवार (7 जनवरी 2023) को स्थिति का जायजा लेने जोशीमठ जाएँगे।
I will hold a high-level meeting with top officials in Dehradun this evening regarding landslides in Joshimath and cracks in houses. I will visit Joshimath tomorrow and take stock of the situation. A team from BJP has also been sent there: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/Ah9Si7CbHF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2023
बता दें कि इस घटना को लेकर वहाँ के लोग डर के साये में जी रहे हैं। उत्तराखंड भाजपा ने स्थिति और इससे हुई क्षति का जायजा लेने के लिए 14 सदस्यीय समिति गठित की है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी जमीन धँसने की घटनाओं की निगरानी कर रहा है। PMO की ओर से लगातार अपडेट लिया जा रहा है।
गौरतलब है कि इन घटनाओं से गुस्साए लोगों ने बुधवार (4 जनवरी 2023) की रात को लोगों ने मशाल जुलूस निकाला था। प्रभावित लोगों ने गुरुवार (5 जनवरी 2023) दोपहर को बद्रीनाथ हाईवे जाम कर दिया था। इस वजह से हाईवे पर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गईं थीं। स्थानीय लोगों ने विरोध में अपनी दुकानें भी बंद रखी थी।
जोशीमठ के सभी 16 वार्डों की स्थिति खराब है। मारवाड़ी भूमि में पानी का बहाव नहीं रूक रहा है, जिससे निचले हिस्सों में स्थित घर तबाह हो रहे हैं। सिंहधार में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में दरार आ गई हैं। जेपी कंपनी के परिसर में जमीन के साथ-साथ घरों की दीवारों से भी पानी का रिसाव हो रहा है। खेतों की दरार में ये पानी घुस रहा है।
‘माउंट व्यू’ नामक होटल तो ऐसा धँस गया कि इसकी पूरी संरचना ही तिरछी हो गई है। होटल को खाली करना पड़ा है। ज्योतिर्मठ परिसर, जो कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य का आवास है, वहाँ के मंदिरों के आसपास भी दरारें आ रही हैं। शंकराचार्य ने सरकार से इस पर ध्यान देने की अपील करते हुए आसपास चल रहे विद्युत-जल परियोजनाओं को रोकने की माँग की है।
बता दें कि जिन घरों में रहने लायक स्थिति नहीं, उस परिवार को राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार दूसरी जगह शिफ्ट कर रही है। बुधवार (4 जनवरी 2023) तक 77 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा चुका है। उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लायक नहीं हैं।