कोयला घोटाले में सीबीआई ने शनिवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार की कुल 45 जगहों पर छापा मारा गया।
CBI raids underway at a total of 45 locations in West Bengal, Uttar Pradesh, Jharkhand & Bihar over allegations of illegal trade and theft of coal.
— ANI (@ANI) November 28, 2020
Cases registered against officials of Eastern Coalfields Ltd, Railways, CISF and private persons. https://t.co/zWCWDr5BmI
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता समेत 30 ठिकानों पर छापे मारे। छापे अनूप माँझी और उससे जुड़े लोगों के ठिकाने पर पड़े।
#Breaking | Coal Smuggling Case: Big Development.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 28, 2020
CBI raids 30 locations in West Bengal. Office of coal mafia Anup Majhi raided.
Links with officers, ministers under lens. pic.twitter.com/xuHsYCeraI
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक़ अनूप माँझी के दफ्तरों पर भी छापे मारे गए हैं। माँझी के संपर्क राज्य की टीएमसी सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों से बताया जाता है। जिन परिसरों में छापे मारे गए उनमें आसनसोल, दुर्गापुर, रानीगंज, बर्दवान, बिशनपुर और दक्षिण 24 परगना स्थित माँझी के सहयोगियों के घर और दफ्तर शामिल हैं।
अनूप माँझी को ‘लाला’ नाम से भी जाना जाता है। वह बंगाल-झारखंड सीमा पर कोयला खदानों के आस-पास रैकेट चलता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उसे राजनीतिक दलों से भी फंडिंग मिलती है। इस महीने की शुरुआत में उसे दो नोटिस जारी की गई थी। जारी की गई कुल 3 नोटिस में उसने सिर्फ 2 नोटिस का संज्ञान लिया था। ममता बनर्जी ने केंद्रीय जाँच एजेंसी द्वारा पश्चिम बंगाल में की गई इस छापेमारी पर नाराज़गी जताते हुए सवाल खड़े किए थे। इसमें माँझी और पशु तस्करी के रैकेट शामिल हैं, जिसके सरगना को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था।
पशु तस्करी रैकेट और कोयला तस्करी रैकेट के बीच संबंध
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई पशु तस्करी रैकेट और कोयला तस्करी रैकेट के बीच संभावित संबंध को लेकर नज़र रख रही है। सीबीआई ने 6 नवंबर को पशु तस्करी रैकेट के सरगना को गिरफ्तार किया था जो भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर अपना रैकेट चला रहा था। आरोपित एनैमुल हक़ मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और सीबीआई ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था। हक़ के साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) के एक अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ केंद्रीय जाँच एजेंसी ने इस मामले के संबंध में गुरुवार को कोलकाता के दो चार्टर्ड अकाउंटेंट के दफ्तर पर छापा मारा था। 36 बीएसएफ़ बटालियन के पूर्व कमांडेंट सतीश कुमार (जिसकी तैनाती अभी रायपुर में है), एनैमुल हक़, अनारुल एसके और मोहम्मद गुलाम मुस्तफ़ा को सीबीआई ने हिरासत में लिया था।
आरोपों के मुताबिक़ पशु तस्कर बीएसएफ़ अधिकारियों को लगातार घूस देते थे, जिससे उनका काम में कोई परेशानी नहीं आए। मार्च 2018 में सीबीआई ने एनैमुल हक़ को बीएसएफ़ कमांडेंट जीबू टी मैथ्यू को घूस देने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वह जमानत पर बाहर आया था। इसके बाद जनवरी 2018 के दौरान मैथ्यू 47 लाख रुपए के साथ अलप्पूज़ा रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया था।
सितंबर महीने में सीबीआई ने कोलकाता और मुर्शिदाबाद के अनेक क्षेत्रों में छापा मारा था जिसका उद्देश्य भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर जारी पशुओं की तस्करी की गुत्थी सुलझाना था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, पंजाब के अमृतसर और छत्तीसगढ़ के रायपुर में छापा मारा था। इस साल अप्रैल में बीएसएफ़ ने इस बात की जानकारी दी थी कि 2216.7 किलोमीटर लंबे भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से पशु, सोना, गाँजा, नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी हो रही है।