पिछले 18 दिनों से इंदौर की जेल में कैद कथित कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ले जाया जा रहा है और वो भी ‘गाड़ी’ में। कॉमेडी के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के चलते मुनव्वर फारूकी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में अप्रैल, 2020 में एक केस दर्ज हुआ जिसके सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने इंदौर सेंट्रल जेल में प्रोडक्शन वारंट जारी किया था।
फारूकी को 1 जनवरी को धार्मिक भावनाएँ आहत करने के लिए इंदौर में गिरफ्तार किया गया था। मुनव्वर के साथ नलिन यादव, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और एडविन एंथनी नाम के 04 और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘दी वायर’ की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “डेनमार्क के दुपन्नी अखबार में पैगंबर का कार्टून छपने पर भारत की गलियों में फूट फूट कर मातम मनाने वाले मुन्ना भाई जर्नलिस्ट माँ सीता का अपमान करने वाले शोहदे के जुतियाए जाने पर कलप रहे, MP पुलिस ने हिसाब किया है, बाकी हिसाब करने UP पुलिस पहुँची है। गाड़ी से लाएँगे फर्जी कामेडियन को।”
डेनमार्क के दुपन्नी अखबार में पैगंबर का कार्टून छपने पर भारत की गलियों में फूट फूट कर मातम मनाने वाले मुन्ना भाई जर्नलिस्ट मां सीता का अपमान करने वाले शोहदे के जुतियाए जाने पर कलप रहे,MP पुलिस ने हिसाब किया है,बाकी हिसाब करने UP पुलिस पहुंची है,गाड़ी से लाएंगे फर्जी कामेडियन को। https://t.co/1wi41SAzyU pic.twitter.com/OiV86tebhq
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) January 18, 2021
इससे पहले, आरफा खानम ने ट्वीट में लिखा था, “इंदौर पुलिस ने मीडिया में यह स्वीकार करने के बावजूद कि उन्हें मुस्लिम हास्य कलाकार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, अब यूपी पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है। वह पहले ही 18 दिन जेल में रह चुका है। उसकी मुस्लिम पहचान ही उसका एकमात्र अपराध है। भारत माता की जय!”
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुनव्वर के खिलाफ पिछले साल अप्रैल माह में दर्ज एक मामले को लेकर प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुनव्वर फारूकी को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए इंदौर सेंट्रल जेल और सीजेएम कोर्ट के समक्ष 7 जनवरी को प्रोडक्शन वारंट प्रस्तुत किया। बताया जा रहा है कि 19 अप्रैल, 2020 में आशुतोष मिश्रा नामक एक अधिवक्ता की शिकायत पर प्रयागराज जिले के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में यह प्रोडक्शन वारंट पेश किया गया है।
पुलिस ने आरोपित पर भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 153A (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धर्म का अपमान कर किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) और धारा 65 और 66 आईटी एक्ट, 2008 के तहत मामला दर्ज किया था।
यह मामला फारूकी द्वारा अपलोड एक यूट्यूब वीडियो पर आधारित है। इसमें उसने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए, गोधरा ट्रेन जलने के मामले में हिंदुओं की मौत का मजाक उड़ाते हुए और नरसंहार में आरएसएस और अमित शाह की भूमिका पर जोर दिया था।