Sunday, September 1, 2024
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डिमांड में ‘कॉमेडियन’ मुनव्वर फारूकी, यूपी पुलिस को चाहिए कस्टडी

यह मामला फारूकी द्वारा अपलोड एक यूट्यूब वीडियो पर आधारित है। इसमें उसने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए, गोधरा ट्रेन जलने के मामले में हिंदुओं की मौत का मजाक उड़ाते हुए और नरसंहार में आरएसएस और अमित शाह की भूमिका पर जोर दिया था।

भगवान राम-सीता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने को लेकर गिरफ्तार कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की मुश्किलें और बढ़ने वाली है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुनव्वर के खिलाफ पिछले साल अप्रैल में दर्ज एक मामले को लेकर प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। बता दें हाल ही में मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तरप्रदेश पुलिस ने कॉमेडियन फारूकी को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए इंदौर सेंट्रल जेल और सीजेएम कोर्ट के समक्ष 7 जनवरी को प्रोडक्शन वारंट प्रस्तुत किया। बताया जा रहा है कि 19 अप्रैल, 2020 में आशुतोष मिश्रा नामक एक अधिवक्ता की शिकायत पर प्रयागराज जिले के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में यह प्रोडक्शन वारंट पेश किया गया है।

साभार: Newsroom Post

पुलिस ने आरोपित पर भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 153A (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धर्म का अपमान कर किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) और धारा 65 और 66 आईटी एक्ट, 2008 के तहत मामला दर्ज किया था।

बता दें यह मामला फारूकी द्वारा अपलोड एक यूट्यूब वीडियो पर आधारित है। इसमें उसने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए, गोधरा ट्रेन जलने के मामले में हिंदुओं की मौत का मजाक उड़ाते हुए और नरसंहार में आरएसएस और अमित शाह की भूमिका पर जोर दिया था।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मुनव्वर की जमानत याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार इरम सिद्दीकी ने ट्विटर पर जानकारी दी कि इंदौर में उच्च न्यायालय में जमानत की सुनवाई स्थगित कर दी गई क्योंकि पुलिस द्वारा उसकी केस डायरी पेश नहीं की गई।

उल्लेखनीय है कि हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले मुनव्वर फारूकी ने हाल ही जमानत के लिए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट में उसकी याचिका खारिज की गई थी और सत्र न्यायालय ने भी जमानत देने से मना कर दिया था।

न्यायिक मजिस्ट्रेट अमन सिंह भूरिया ने भी 15 फरवरी को फारूकी की न्यायिक हिरासत को 27 जनवरी तक बढ़ा दिया था। यहाँ बता दें कि 1 जनवरी को स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारूकी और आयोजन से जुड़े 4 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। उनका आरोप था कि फारूकी ने कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियाँ की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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