सूरत में शुक्रवार (जुलाई 5, 2019) को मुस्लिमों द्वारा किए गए हंगामे के कारण कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थीं। अब तक इस मामले में 49 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जिनमें एक कॉन्ग्रेस नेता भी शामिल है। सूरत म्युनिस्पल कॉर्पोरेशन के पार्षद असलम साइकिलवाला के ख़िलाफ़ 6 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था। दंगे फैलाने के मामले में पुलिस ने 5 हज़ार अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया है। मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई ‘मौन रैली’ के दौरान हुए बवाल को थामने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े थे।
ये लोग झारखण्ड में चोर तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग के विरोध में सड़क पर उतरे थे। भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। भीड़ ने पाँच सिटी बसों को भी निशाना बनाया और सार्वजनिक संपत्ति को जम कर नुकसान पहुँचाया। पूरे क्षेत्र में तनाव फैलने के बाद पुलिस को धारा 144 लागू करनी पड़ी। इसके बाद रैली के आयोजकों को हिरासत में ले लिया गया था। बता दें कि भीड़ अनुमति न होने के बावजूद प्रशासन को धता बताते हुए आगे बढ़ती जा रही थी।
इस मामले में पहले 9 लोग गिरफ़्तार किए गए थे, अब 40 अन्य आरोपितों को गिरफ़्तार किया गया है। ट्विटर पर पोस्ट किए गए वीडियो में भीड़ किसी अधिवक्ता बाबू पठान नामक व्यक्ति और उसके संगठन का बैनर हाथ में लेकर हिंसा पर उतारू दिख रही है। बाबू पठान के ट्विटर प्रोफाइल के अनुसार, वह सूरत सिटी कॉन्ग्रेस कमिटी का उपाध्यक्ष है। गिरफ़्तार आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ये है गुजरात सूरत का
— જે કે. બોરાણા, (@Jagdish22068455) July 5, 2019
नान पूरा इलाका शांति समुदाय के लोग मोब लिंचिग के विरोध में रैली कर रहे थे
उसमे कोई तत्व ने डीसीपी,पुलिस पर हमला किया था,, फिर क्या
टीयर गेस ओर फायर भी करना पड़ा
रैली लीड कर रहे कोंग्रेस के मुस्लिम,कोरपोरेटर को फिलहाल गिरफ्तार किया है pic.twitter.com/KlEeW2tJGh
वहीं सूरत के मुस्लिम संगठनों ने पुलिस को निर्दोष लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई न करने की सलाह दी है। मुस्लिम संगठनों ने डीएम को ज्ञापन सौंप कर केवल अभियुक्तों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की अपील की। संगठनों ने आरोप लगाया कि पुलिस निर्दोष लोगों को परेशान कर रही है।