कोरोना वायरस के कहर के बीच वामपंथियों के गढ़ माने जाने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली में भी कोविड ने एंट्री मार ली है। विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक 74 छात्र और स्टाफ संक्रमित पाए गए हैं।
संक्रमितों में 11 विश्वविद्यालय के स्टाफ हैं। 4 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। क्रिटिकल कंडीशन में दो को फोर्टिस तो एक को बीएल कपूर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी सभी को झज्जर एम्स और सुल्तानपुरी के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने वाले व्यक्ति ने बताया कि संक्रमण की हालत इतनी बुरी है कि 18 अप्रैल को एक छात्र की हालत खराब होने के बाद उसे 3 अस्पतालों में ले गए, लेकिन कहीं भी भर्ती नही किया जा सका। इसके बाद अंत में बीएल कपूर अस्पताल में उसे एडमिट कराया जा सका। ड्राइवर ने बताया कि छात्र का ऑक्सीजन लेवल 40 से भी नीचे पहुँच गया था। वहीं फोर्टिस में 3-4 घंटे लंबे इंतजार के बाद दो अन्य को एंट्री मिली।
एक स्वास्थ्यकर्मी के मुताबिक क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए छात्रों में से एक दो को छोड़कर सभी को ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखा गया है। अधिकतर लोगों का ऑक्सीजन लेवल 40 से नीचे आ गया था और उनकी नाक से खून निकलने लगा था। हालाँकि, अभी सभी की हालात बेहतर है।
विश्वविद्यालय में हालात हुए बदतर
कोरोना की सेकेंड वेव से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में दिल्ली भी शामिल हैं। यहाँ वामपंथ की पाठशाला जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कोविड के चलते हालात बेहद बुरे हो गए हैं। विश्वविद्यालय में 3,000 छात्र, 1000 स्टाफ और 350 गार्ड समेत 4,350 कर्मचारी हैं। संक्रमण तेजी से फैलने के कारण बाकियों पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है।
बदतर होते हालात को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 रिस्पांस कमेटी बना दी है। 9 सदस्यीय कमेटी में रजिस्ट्रार इसके अध्यक्ष हैं। कमेटी के सदस्य डॉ सौरभ शर्मा ने बताया है कि वो लोग लगातार छात्रों के संपर्क में बने हुए हैं।