Friday, November 15, 2024
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‘दिल्ली पुलिस फरिश्ता बनकर आई, यदि कोई कहता है कि वे मदद नहीं कर रहे तो यह गलत है’

लॉकडाउन के दौरान एंबुलेंस नहीं मिलने पर पीसीआर यूनिट ने विभिन्न क्षेत्रों से 139 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुँचाया। सबसे ज्यादा 43 गर्भवती महिलाओं को सफदरजंग अस्पताल पहुँचाया गया, जबकि 17 को संजय गाँधी अस्पताल और 12 को दादा देव अस्पताल में भर्ती कराया गया।

लॉकडाउन के कारण सभी अपने घरों में कैद हैं लेकिन इन सब के बीच दिल्ली पुलिस अपने कर्तव्य को पूरा करने में दिन-रात लगी हुई है। कोरोना महामारी के इस संकट में दिल्ली पुलिस देवदूत बनकर आम जनता के सामने आ रही है। कोरोना से जंग के बीच दिल्ली पुलिस पूरी तरह सहायता करती हुई नजर आ रही है। कहीं गरीब लोगों को खाना बाँटा जा रहा है तो कही जरूरतमंदो को दवाइयॉं मुहैया करवाई जा रही है। ताजा मामला दिल्ली के बदरपुर का है।

जहाँ पुलिस ने समय पर एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुँचाया। नवजात बच्ची के पिता पंकज ने इसके लिए दिल्ली पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “1 अप्रैल को जब मेरी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो मैंने 108,102,1031 आदि कई हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। मगर संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद मैंने दिल्ली पुलिस को कॉल किया, जो 20 मिनट में हमारे पास पहुँची और हमें अस्पताल ले गई। हम उनके आभारी हैं।” 

वहीं नवजात बच्ची की माँ कहती हैं, “कोरोना वायरस फैला हुआ है और दिल्ली पुलिस हमारे लिए फरिश्ता बनकर आई है। हम तहे दिल से उनका शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। दिल्ली पुलिस का काम बहुत अच्छा है। अगर कोई बोलता है कि वो मदद नहीं कर रहे हैं तो ये गलत है।” 

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से अब तक एंबुलेंस नहीं मिलने पर पीसीआर पुलिस की यूनिट ने विभिन्न क्षेत्रों से 139 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुँचाया। डीसीपी पीसीआर शरत कुमार सिन्हा के मुताबिक, सबसे ज्यादा 43 गर्भवती महिलाओं को सफदरजंग अस्पताल पहुँचाया गया, जबकि 17 को संजय गाँधी अस्पताल और 12 को दादा देव अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा अन्य 19 अस्पतालों में भी गर्भवती महिलाओं को पहुँचाया गया है। पीसीआर पुलिस के लगभग सभी जोन की पुलिस यूनिट ने अपने इलाके में प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को सूचना मिलने पर अस्पताल भिजवाया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कॉल मिलने पर तुरंत मदद देने के आदेश सभी यूनिट को दिए गए हैं। ऐसे में जैसे ही किसी यूनिट को उसके आसपास की कॉल मिलती है तो वो मौके पर पहुँच जाते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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