केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार (मई 11, 2020) को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि केंद्र सरकार देश में कोरोना वायरस प्रकोप को समुदाय के आधार पर मैपिंग करने पर विचार कर रही है।
लव अग्रवाल ने इस खबर को खारिज करने हुए कहा कि यह खबर का बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हिस्सा है। कोरोना वायरस किसी की जाति, धर्म या मजहब नहीं देखता है।
This is a very irresponsible piece of news. #COVID19 does not see people’s caste, creed or religion: Union Health Ministry Joint Secretary Lav Agrawal on reports of govt mulling community-wise mapping of COVID-19 spread pic.twitter.com/i8gmR4vi5U
— ANI (@ANI) May 11, 2020
कोरोना वायरस के धर्म-आधारित मैपिंग की रिपोर्टों को खारिज करते हुए लव अग्रवाल ने कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा कुछ समूहों की पहचान की गई है, जहाँ बहुत अधिक संख्या में संक्रमण की सूचना मिली है।
अग्रवाल ने कहा, “हमारे लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्टेज तक न पहुँचें। इसके लिए रोकथाम के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।”
देश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 4213 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 1559 लोग ठीक भी हुए हैं। इसके साथ ही रिकवरी रेट भी 31.15 प्रतिशत हो चुका है।
वहीं देश की बात करें तो अब तक संक्रमित मामलों की कुल संख्या 67152 है। 20917 लोग ठीक हो चुके हैं और 44029 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।
डेक्कन क्रॉनिकल ने किया था समुदाय आधारित मैपिंग का दावा
गौरतलब है कि ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ ने कल (मई 10, 2020) एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सरकार कोरोना वायरस के प्रसार को समुदाय के आधार पर समझने के लिए धर्म, जीवन शैली, आय, दैनिक दिनचर्या और परिवार के आकार आदि को लेकर मैपिंग करने पर विचार कर रही है।
डेक्कन क्रॉनिकल ने रविवार को उच्च ‘सूत्रों’ का हवाला देते हुए एक लेख प्रकाशित किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि उच्चतम स्तर पर समुदाय आधारित मैपिंग के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया।
लेख में कहा गया था कि यदि भविष्य में देश में कोरोना वायरस की स्थिति संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह भयावह स्थिति में पहुँच जाएगी तो धर्म आधारित मैपिंग यह पहचानने में मदद करेगा कि किस समुदाय में वायरस फैलने की अधिक संभावना है और उसके हिसाब से उस समुदाय या समूह पर सख्त रोकथाम लगाए जाएँगे।
लेख में यह भी कहा गया था कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में कोरोना वायरस की धड़ल्ले से बढ़ते केस को देखने के बाद समुदाय आधारिक मैपिंग की योजना बनाई गई।