चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस का प्रसार भारत में भी बढ़ता जा रहा है। भारत लगातार कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटा है। इसी बीच भारत बायोटेक और जायडस कैडिला की वैक्सीन का अलग-अलग राज्यों के 6 शहरों में ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक और जायडस कैडिला दोनों को ही क्लिनिकल ट्रायल के फेज-1 और फेज-2 की मंजूरी दे दी गई थी। दोनों ने 15 जुलाई को स्वयसेवकों को अपनी-अपनी वैक्सीन की पहली डोज दी थी। कथित तौर पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी एक अन्य वैक्सीन विकसित कर लिया है। इसका ह्यूमन ट्रायल भी भारत में अप्रूवल मिलने के बाद जल्द शुरू हो सकता है।
भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन (Covaxin) का ह्यूमन ट्रायल दिल्ली, हैदराबाद, पटना, कांचीपुरम और रोहतक में पहले ही शुरू किया जा चुका है। जल्द ही यह नागपुर, बेलगाम, गोरखपुर, कानपुर और विशाखापत्तनम में भी शुरू होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, जायडस कैडिला द्वारा विकसित ZyCov-D का परीक्षण अहमदाबाद तक ही सीमित होगा। वहीं Covaxin का पहला ट्रायल 12 विभिन्न शहरों के 12 अलग-अलग अस्पतालों में होगा। इनमें 500 वॉलंटियर्स शामिल होंगे।
शामिल होने वाले वॉलंटियर्स की उम्र 18 से 55 साल के बीच निर्धारित की गई है। वैक्सीन उम्मीदवार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के बीच एक संयुक्त कोलैबोरेशन का प्रमाण होगा।
India puts potential vaccines to human trials in 6 Indian cities. ‘No immediate side effects observed’, authorities say. India remains the world’s third worst-hit country.@PriyankaSh25 brings the story pic.twitter.com/EuPAEAX9bp
— WION (@WIONews) July 26, 2020
गौतलब है कि राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में देश की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन का इंसान पर ट्रायल शुक्रवार से शुरू हो गया है। वहीं ह्यूमन ट्रायल प्रोजेक्ट की टीम को लीड कर रहे प्रोफेसर डॉ संजय रॉय ने बताया कि जिस व्यक्ति को वैक्सीन दिया गया है, उसके शरीर में कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं दिखा है।
इसके अलावा पटना एम्स के डायरेक्टर पीके सिंह ने ह्यूमन ट्रायल के दौरान बताया कि कुछ छोटे-मोटे साइड इफेक्ट दिख रहे हैं। जैसे- जहाँ इंजेक्शन लगाया जा रहा है, वहाँ की त्वचा लाल हो जा रही है, दर्द और हल्का बुखार दिख रहा है। लेकिन इससे किसी प्रकार का अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं उत्पन्न हो रहा है और डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं।