Monday, December 23, 2024
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दाल-चावल खा जबड़े दुख रहे हैं, मुझे चिकन, मछली और तंदूरी दो: कोरोना संक्रमित सईद भोपाली की फरमाइश

"मेरा नाम सईद भोपाली है, मैं डेली मटन खाता हूँ। भाई शेर की औलाद हूँ। मैं ये खाना अब नहीं खाऊँगा, बीमार था तब तक खा लिया। अब मैं स्वस्थ हूँ। मुझे अब चाहिए चिकन-मुर्गा, मछली-तंदूरी।"

दाल-चावल खाकर मेरे जबड़े दुख रहे हैं। मैं ये सब नहीं खा सकता। अब मुझे चिकन-मुर्गा और मछली-तंदूरी चाहिए। यह माँग किसी हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्रा की नहीं, बल्कि कोरोना संक्रमित मरीज की है जो भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती है।

सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कुछ लोग अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। एक बार फिर अस्पताल में भर्ती एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ने अस्पताल में मिलने वाले खाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में आप देख सकते हैं कि सईद भोपाली नाम का व्यक्ति अस्पताल में मिलने वाले खाने को नापसंद करते हुए अपनी फरमाइश सुना रहा है। यह मध्य प्रदेश के भोपाल का बताया जा रहा है।

वीडियो में दिख रहा व्यक्ति कह रहा है कि दाल-चावल खाते-खाते मसूड़े दुख गए हैं। मेरा नाम सईद भोपाली है, मैं डेली मटन खाता हूँ। भाई शेर की औलाद हूँ। मैं ये खाना अब नहीं खाऊँगा, बीमार था तब तक खा लिया। अब मैं स्वस्थ हूँ। मुझे अब चाहिए चिकन-मुर्गा, मछली-तंदूरी। वह वीडियो में कह रहा है कि ये खाना ले जाओ। मैं नहीं खाऊँगा। हालाँकि सईद ने आखिरी में कहा कि मैंने खाने की बुराई नहीं की है। ये बहुत अच्छा है, लेकिन मेरे अब मसूड़े दुख रहे हैं।

आपको बता दें कि खाने पर सवाल खड़ा और उसको अपमानित करने वाला यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब क्वारंटाइन किए गए जमातियों ने अपनी पसंद के खाने की फरमाइश की।

एक मामला उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर से आया था, जहाँ गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती जमातियों की हरकतों से पूरा अस्पताल प्रशासन परेशान है। उनकी मनमानी और उपद्रव को मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी ने मंगलवार को बयॉं करते हुए कहा था कि बीते सोमवार को जमातियों ने वार्ड बॉय के साथ मारपीट की। खाने की थाली में लात मार दी और वे बिरयानी और नॉनवेज मॉंग रहे हैं।

डॉ. आरती लालचंदानी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में 70 लोग भर्ती हैं। इनमें से 60 कोरोना पॉजिटिव हैं। इनमें से अधिकांश जमाती हैं। उनका कहना है कि जब से वार्ड में कुछ नौजवान जमाती भर्ती हुए हैं, तब से ही इन लोगों ने पूरे स्टाफ को परेशान कर रखा है। इन लोगों को समय से खाना मिल रहा। मिनरल वाटर और फल दिया जा रहा। लेकिन, उनकी फरमाइश खत्म नहीं हो रही।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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