सीएए विरोध के नाम पर पिछले तीन महीने से चल रहे दिल्ली के शाहीन बाग धरने में कोरोना के डर ने प्रवेश कर दिया है, यही कारण है कि धरने पर हर रोज प्रदर्शनकारियों की संख्या घटती चली जा रही है। हालाँकि, महिलाओं का सीएए के खिलाफ धरना प्रदर्शन अभी जारी है और वह किसी भी कीमत पर धरने से उठने को तैयार नहीं हैं।
बुधवार दोपहर को शाहीन बाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बेहद कम हो गई। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि धरना स्थल पर कुछ मीटरों की दूरी पर जगह-जगह रहे तख्त पर इक्का-दुक्का महिलाएँ बैठी हुई दिखाई दे रही हैं। वहीं कुछ अधिंकाश प्रदर्शनकारी मुँह पर मास्क पहने दिखाई दिए, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना के खतरे को देखते हुए 50 से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र न होने की चेतावनी शाहीन बाग के काम नहीं आई। शाहीन बाग पर बैठी महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह अपनी माँगों को लेकर अडिग हैं हम तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि मोदी जी इस काले कानून को वापस नहीं ले लेते।
Delhi: Crowds thinning out at Shaheen Bagh protest site. Protest has been continuing here, against Citizenship Amendment Act and NRC-NPR, for the last 3 months. pic.twitter.com/XmM4Rh9cmW
— ANI (@ANI) March 18, 2020
वहीं केजरीवाल सरकार की अपील के बाद मंगलवार को धरने पर पहुँचे दिल्ली पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की प्रदर्शनकारियों से धरना समाप्त कराने को लेकर तीखी बहस हो गई थी। दरअसल, अधिकारियों ने वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदर्शन को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भीड़ से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। यह प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ आम नागरिकों के जीवन के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इस पर प्रदर्शनकारी भड़क उठे और बोले धरना जारी रहेगा। बातचीत विफल होने के बाद अधिकारी मौके से वापस चले गए थे।
गौरतलब हो कि दिल्ली सरकार ने 31 मार्च तक सभी स्कूलों और सिनेमा घरों को बंद कर दिया है साथ ही दिल्ली सरकार ने राजधानी में 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी है। वहीं दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोगों से भीड़-भाड़ वाली इलाकों में नहीं जाने की भी अपील की गई है। लेकिन सरकार की इस एडवाइजरी को धता बताते हुए शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी किसी भी कीमत पर प्रदर्शन से हटने को तैयार नहीं हैं।