Monday, November 18, 2024
Homeदेश-समाजसरकार से मास्क और सेनिटायजर माँगने वाले शाहीन बाग में चौकी तो है, लोग...

सरकार से मास्क और सेनिटायजर माँगने वाले शाहीन बाग में चौकी तो है, लोग नहीं

50 से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र न होने की चेतावनी शाहीन बाग के काम नहीं आई। शाहीन बाग पर बैठी महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह अपनी माँगों को लेकर अडिग हैं हम तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि मोदी जी इस काले कानून को वापस नहीं ले लेते।

सीएए विरोध के नाम पर पिछले तीन महीने से चल रहे दिल्ली के शाहीन बाग धरने में कोरोना के डर ने प्रवेश कर दिया है, यही कारण है कि धरने पर हर रोज प्रदर्शनकारियों की संख्या घटती चली जा रही है। हालाँकि, महिलाओं का सीएए के खिलाफ धरना प्रदर्शन अभी जारी है और वह किसी भी कीमत पर धरने से उठने को तैयार नहीं हैं।

बुधवार दोपहर को शाहीन बाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बेहद कम हो गई। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि धरना स्थल पर कुछ मीटरों की दूरी पर जगह-जगह रहे तख्त पर इक्का-दुक्का महिलाएँ बैठी हुई दिखाई दे रही हैं। वहीं कुछ अधिंकाश प्रदर्शनकारी मुँह पर मास्क पहने दिखाई दिए, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना के खतरे को देखते हुए 50 से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र न होने की चेतावनी शाहीन बाग के काम नहीं आई। शाहीन बाग पर बैठी महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह अपनी माँगों को लेकर अडिग हैं हम तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि मोदी जी इस काले कानून को वापस नहीं ले लेते।

वहीं केजरीवाल सरकार की अपील के बाद मंगलवार को धरने पर पहुँचे दिल्ली पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की प्रदर्शनकारियों से धरना समाप्त कराने को लेकर तीखी बहस हो गई थी। दरअसल, अधिकारियों ने वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदर्शन को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भीड़ से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। यह प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ आम नागरिकों के जीवन के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इस पर प्रदर्शनकारी भड़क उठे और बोले धरना जारी रहेगा। बातचीत विफल होने के बाद अधिकारी मौके से वापस चले गए थे।

गौरतलब हो कि दिल्ली सरकार ने 31 मार्च तक सभी स्कूलों और सिनेमा घरों को बंद कर दिया है साथ ही दिल्ली सरकार ने राजधानी में 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी है। वहीं दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोगों से भीड़-भाड़ वाली इलाकों में नहीं जाने की भी अपील की गई है। लेकिन सरकार की इस एडवाइजरी को धता बताते हुए शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी किसी भी कीमत पर प्रदर्शन से हटने को तैयार नहीं हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -