Thursday, October 31, 2024
Homeदेश-समाजबीफ के लिए गर्भवती गाय की हत्या, बैन के बावजूद तमिलनाडु के इस इलाके...

बीफ के लिए गर्भवती गाय की हत्या, बैन के बावजूद तमिलनाडु के इस इलाके में काटे जाते हैं गाय और बछड़े

"जानवरों की हत्या को लेकर बकायदा गाइडलाइन है। बूचड़खानों को उन नीति निर्देशों का पालन करना होता है। वे एक खास आयु वर्ग के भैंसे और बैल मार सकते हैं। बीफ के लिए गाय और बछड़ों की हत्या पर पाबंदी है फिर भी लोग ऐसा करते हैं।”

तमिलनाडु से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहॉं के एक दंपती ने बीफ के लिए गर्भवती गाय की हत्या कर दी। पुलिस जब तक मौके पर पहुॅंचती वे गोहत्या कर चुके थे।

घटना तमिलनाडु के उथूकोट्टई की है। आरोपित दंपती की पहचान सरला और रघु के तौर पर हुई। तिरुवल्लुवर पुलिस के मुताबिक उन्हें साईं विघ्नेश ऑफ़ ऑलमाइटी एनिमल केयर ट्रस्ट से मामले की जानकारी मिली थी। एक विशेष टीम को मौके पर रवाना किया गया, लेकिन उनके पहुॅंचने से पहले गाय की हत्या कर दी गई थी।

दंपती पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 270, 273 और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों को जमानत पर बाद में रिहा कर दिया गया। साईं विघ्नेश ने टाइम ऑफ़ इंडिया को बताया कि हाल ही में लगभग 10 से अधिक गायों को तिरुवल्लुवर शहर में बचाया गया था।  

उन्होंने कहा, “जानवरों की हत्या को लेकर बकायदा गाइडलाइन है। बूचड़खानों को उन नीति निर्देशों का पालन करना होता है। वे एक खास आयु वर्ग के भैंसे और बैल मार सकते हैं। बीफ के लिए गाय और बछड़ों की हत्या पर पाबंदी है फिर भी लोग ऐसा करते हैं।” 

इसके पहले भी विघ्नेश ने तिरुवल्लुवर शहर में इस तरह की घटनाओं के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी। जनवरी महीने में पुलिस ने 3 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया था जिन पर जानवरों को मार कर उनका मांस बेचने का आरोप लगा था। तीनों आरोपितों पर तमिलनाडु पशु सुरक्षा अधिनियम पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। 

विघ्नेश एक दिन उथूकोट्टई-तिरुवल्लुवर मार्ग से चेन्नई जा रहे थे तब उन्होंने देखा कि उस इलाके में कई पशुओं का बेरहमी से क़त्ल होता है। विघ्नेश उस इलाके में पशुओं अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए काम करते हैं। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘द हिंदू’ के पत्रकार ने दफ्तर खरीदने के लिए कारोबारी से लिए ₹23 लाख, बीवी की जन्मदिन की पार्टी के नाम पर भी ₹5...

एक कारोबारी से ₹28 लाख की ठगी के मामले में पुलिस ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' के 'पत्रकार' महेश लांगा के खिलाफ तीसरी FIR दर्ज की है।

राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली दीवाली मना रही अयोध्या, जानिए क्यों इसे कह रहे ‘महापर्व’: दीपदान की तैयारियों से लेकर सुरक्षा तक...

अयोध्या के एक महंत ने कहा कि उनकी उम्र 50 साल से अधिक हो रही है, पर इतनी भव्य दीपावली उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -