केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम (Gangster Dawood Ibrahim) के भाई इकबाल कासकर (Iqbal Kaskar) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी शिकंजा कस दिया है। PMLA कोर्ट ने शुक्रवार (18 फरवरी 2022 को उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 फरवरी 2022 तक के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए टेरर फंडिंग में शामिल होने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। जाँच एजेंसी दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर और उसके सहयोगियों व उसके गिरोह के लोगों से पूछताछ करेगी। दरअसल, इकबाल कासकर को ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में पेश किया था, जहाँ से उसे अदालत ने ईडी की हिरासत में भेज दिया।
2017 में रंगदारी के तीन मामलों के सामने आने के बाद ठाणे क्राइम ब्रान्च पुलिस द्वारा उसके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत केस दर्ज किया गया था। उसी के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बात का खुलासा हुआ था कि इकबाल कासकर कथित तौर पर भारत में अपने भाई दाऊद इब्राहिम के लिए काम कर रहा था। वो मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध व्यापार को संभालने का काम करता था।
गौरतलब है कि दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दक्षिण मुंबई में 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने दाऊद इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर और भाई इकबाल कासकर के आवासों सहित मुंबई में 9 और ठाणे में 1 जगहों पर छापे मारे थे। इससे पहले नवंबर 2021 में, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि उनके पास एनसीपी के मौजूदा मंत्री नवाब मलिक और उनके परिवार के खिलाफ सबूत हैं, जो 2005 में मुंबई 1993 बम धमाकों के दोषियों के साथ लैंड डील में शामिल थे।