Sunday, November 17, 2024
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पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला रहे थे झूठ

ऑपइंडिया से बात करते हुए दीपक शर्मा ने बताया कि वो गिरफ्तार नहीं हुए हैं और न ही पुलिस ने उनसे बदसलूकी की है। पुलिस ने ट्वीट का आधार पूछा था, उन्होंने उसे बता दिया और बाद

विदेशी मीडिया रिपोर्टों में प्रकाशित जानकारी के आधार पर पिछले दिनों हज में महिलाओं के साथ होने वाले व्यवहार पर कुछ सवाल सोशल मीडिया पर उठे थे। लोगों ने ट्वीट करते हुए पूछा था कि आखिर हज पर मुस्लिम महिलाओं के साथ ये सब क्या हो रहा है। इन लोगों में एक नाम दीपक शर्मा का भी था। ऑपइंडिया की तरह, दीपक ने विदेशी मीडिया की रिपोर्ट सीएनएन वर्ल्ड में जो महिलाओं की आपबीती बताई गई थी उसी विवरण के कुछ मुख्य बिंदुओं को साझा करते हुए ये मामला सोशल मीडिया पर उठाया था।

सामान्य लोग जहाँ इस जानकारी के बारे में पढ़कर हैरान हुए तो वहीं कट्टर इस्लामी मानसिकता के लोग ट्वीट पर भड़क गए। उन्होंने दीपक शर्मा के विरुद्ध शिकायत करनी शुरू करनी शुरू कर दी जिसके बाद कल खबर आई कि आंध्र प्रदेश पुलिस दीपक शर्मा को पकड़ने उनके घर पहुँची है। इस खबर को भी कट्टर इस्लामवादियों ने खूब प्रसारित किया। कहीं कहा गया कि दीपक शर्मा फरार हो गया है, तो कहीं कहा गया वो डर गया है या फिर उसे पुलिस ने पकड़ लिया है आदि-आदि। हालाँकि ऑपइंडिया ने जब दीपक शर्मा से पुलिस के आने पर उनके बात की तो सारी हकीकत पता चली।

ऑपइंडिया से दीपक शर्मा की बातचीत

ऑपइंडिया से बात करते हुए दीपक शर्मा ने बताया कि वो कहीं फरार नहीं हुए। उन्हें किसी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। उनके ट्वीट पर शिकायतें हुई थीं तो अलग-अलग जगहों की पुलिस ने उनसे संपर्क करके ट्वीट के बारे में पूछा। जब उन्हें बताया गया कि ट्वीट का आधार क्या है तो वो भी समझ गए कि इल्जाम बेबुनियाद हैं। दीपक शर्मा ने कहा- “न तो पुलिस ने मेरे साथ बदसलूकी की है और न ही गिरफ्तार किया है। जो-जो उन्होंने पूछा मैंने सब बता दिया है।”

दीपक शर्मा ने कहा कि सीएनएन की रिपोर्ट के आधार पर बनाई गई ऑपइंडिया की रिपोर्ट में कहीं से कहीं कोई भी गड़बड़ नहीं थी। पूरी रिपोर्ट तथ्यों पर थी। अब अगर कोई कहे कि यौन शोषण का शिकार पीड़िता का नाम बताओ तो ये तो कानूनन अपराध है, वो इसे कभी नहीं करेंगे।

दीपक शर्मा ने यही कहा कि ये मान लीजिए कि अगर खबर में या उनके ट्वीट में कहीं से कहीं तक कोई गलती निकलती तो अब तक एफआईआर हो चुकी होती, उन लोगों को अरेस्ट कर लिया जाता जिन्होंने इस मुद्दे पर बात रखी। उन्होंने इस सारी ट्रोलिंग के पीछे लेफ्ट विंग के बड़े-बड़े नामों को जिम्मेदार बताया, जिन्होंने अपनी बंदूक छोटे लोगों पर रखकर चलाई। दीपक शर्मा ने कहा कि इन लोगों को लगा था कि इस तरह प्रोपगेंडा फैला दिया जाएगा और शिकार फँसा लिया जाएगा लेकिन हुआ ऐसा कुछ नहीं क्योंकि पुलिस ने सारे लिंक चेक किए। पड़ताल के बाद समझा कि ये सारी बातें तथ्यों के आधार पर हैं।

सोशल मीडिया पर दीपक शर्मा को सपोर्ट

बता दें कि सोशल मीडिया पर दीपक शर्मा और आंध्र पुलिस के बीच होती बातचीत की वीडियो सामने आने के बाद जहाँ लिबरल जमात खुशियाँ मना रहा था और फैलाया जा रहा था कि दीपक गिरफ्तार हो गए, तो वहीं इसी बीच सैंकड़ों ट्वीट दीपक शर्मा के समर्थन में भी हो रहे थे। एक्स पर हैशटैग चल रहा था #IstandWithDeepakSharma और इस हैशटैग में कई नामी एक्स हैंडल दीपक के समर्थन में ट्वीट कर रहे थे।

प्रदीप मैखुरी ने बताया कि दीपक शर्मा के घर आंध्र प्रदेश पुलिस पहुँची तो कुछ लोग सोशल मीडिया पर फैलाने लगे कि दीपक शर्मा फरार हैं, लेकिन सच तो ये है कि वो अपने घर ही पर थे। उन्होंने जो भी कहा वो निराधार नहीं है। सीएनएन और बीबीसी की रिपोर्ट पर ये कहा गया है। इस ट्वीट का जवाब देते हुए दीपक शर्मा ने बताया था कि वो सुरक्षित हैं और अपने घर पर हैं।

वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने इस मामले पर कहा, “दीपक शर्मा ने हज पर जाने वाली महिलाओं के साथ जो बेहूदगी होती है उसे लिखा तो पुलिस पकड़ने आ गई। जबकि दीपक ने जो लिखा वो दुनिया भर के अंग्रेजी अखबारों में छप चुका है। मैंने खुद X पर ऐसी बेहूदगी के वीडियो देखे हैं। फिर इस सच को दबाने की कोशिश कौन कर रहा है?”

पत्रकार अजीत भारती इस मामले पर कहते हैं, “CNN से लेकर ‘दी प्रिंट’ तक कह रहा है कि मुस्लिम महिलाओं ने हज पर अपने साथ सेक्सुअल मोलेस्टेशन की घटनाएँ बताई हैं। दीपक शर्मा ने लिख दिया तो पुलिस पहुँच गई। न तो दीपक शर्मा ने, न ही ऑपइंडिया में कुछ भी गलत लिखा। मेरा पूर्ण समर्थन है इन सबको।”

वहीं दीपक शर्मा ने अभी अपने एक ट्वीट में कहा है कि वो मस्त हैं और सुरक्षित हैं। उन्होंने मुस्लिमों से ये भी कहा कि उन लोगों को एक बार सोचना चाहिए, अगर उन्होंने कुछ भी झूठी खबर फैलाई होती तो उसके खिलाफ अब तक मोहम्मद जुबैर कुछ न कुछ बोल चुका होता। लेकिन वो चुप है क्योंकि उसे पता है न्यूज रिपोर्ट सही हैं, जहाँ से उन्होंने यह जानकारी ली।

CNN वर्ल्ड की रिपोर्ट पर आधारित ऑपइंडिया की रिपोर्ट का भी हुआ विरोध

बता दें कि विदेशी मीडिया में हज पर महिलाओं के यौन शोषण की तमाम कहानियाँ पहले से मौजूद हैं। कुछ दिन पहले ये मुद्दा सोशल मीडिया पर उठा और कुछ वीडियोज सामने आई तो ऑपइंडिया ने सीएनएन वर्ल्ड पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के आधार पर कुछ महिलाओं की आपबीती हिंदी भाषा में स्पष्ट रूप से लिखी। लेकिन, इस रिपोर्ट के बाद इस्लामी भड़क गए। उन्होंने ऑपइंडिया बैन कराने तक के लिए हैशटैग चला दिया। मगर रिपोर्ट खोलकर ये पढ़ने या देखने की मेहनत नहीं की कि हर रिपोर्ट के साथ एक वो लिंक है जिसकी जानकारी पर आधारित रिपोर्ट तैयार की गई है। जब सोशल मीडिया पर इसे लेकर बवाल किया गया तो तमाम सोशल मीडिया यूजर्स ने ऐसी फोटो और वीडियोज साझा की जिसमें वाकई मजहबी स्थल पर घिनौने काम हो रहे थे। ये सारी वीडियोज आदि एक्स समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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