26 जून 2021 को देहरादून के एक लोकल अखबार में प्रकाशित वेल्हम बॉयज स्कूल के टेंडर नोटिस ने क्षेत्र में बवाल मचा दिया। इस नोटिस में स्कूल ने हलाल मीट और अन्य प्रोडक्ट्स के लिए सप्लॉयर्स को आमंत्रित किया था। टेंडर के प्रकाश में आने के बाद बजरंग दल इसे लेकर प्रदर्शन कर रहा है। संगठन ने इसे हिंदू विद्यार्थियों को जबरन हलाल खिलाने के षड्यंत्र जैसा बताया है।
पूरे विवाद की बाबत जब ऑपइंडिया ने बजरंग दल के नगर संयोजक विकास वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा, “स्कूल में अधिकांश छात्र हिंदू समुदाय के हैं। हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि स्कूल इस्लामी तरीके से काटे गए माँस को हिंदू बच्चों पर क्यों थोपना चाहता है।”
बजरंग दल ने अपनी शिकायत डलानवाला पुलिस थाने में दर्ज की है। प्रदेश सीएम को भी मामले से अवगत करवाया है। शिकायत में बताया गया है कि स्कूल में हर तरह के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में हलाल माँस के लिए निविदा हिंदू छात्रों और समुदाय का अपमान है। मामले को संज्ञान में लाने का मकसद यही है कि टेंडर वापस लेने के लिए तत्काल कार्रवाई हो।
संगठन ने इस केस में प्रशासन और पुलिस की विफलता को भी उजागर करते हुए कहा कि वे मामले को सड़कों तक ले जा गे और प्रदर्शन करेंगे। विकास बताते हैं कि ये सब क्षेत्र में विवाद बढ़ाने की कोशिश है। पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। स्कूल का कहना है कि वो हलाल और झटका दोनों मीट देते हैं। हालाँकि जब इसके प्रमाण माँगे गए तो स्कूल कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाया।
विवाद पर वाइस प्रिंसिपल महेश कांडपाल ने News18 को बताया कि हलाल के लिए टेंडर पहले ही मँगाए जा चुके हैं, लेकिन झटका के लिए शनिवार को टेंडर निकाला जाएगा। वहीं जागरण से बात करते हुए स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि सप्ताह में तीन दिन क्रमश: हलाल और झटका मीट परोसा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि हलाल और झटका माँस के लिए उनके पास अलग-अलग आपूर्तिकर्ता हैं।
हमने जब टेंडर नोटिस को देखा तो पता चला कि सूची में रोटी, दाल, चावल जैसे कई चीजों का उल्लेख था। फिर आखिर सिर्फ झटका मीट को इस टेंडर से क्यों हटाया गया, ये समझ से बाहर है। डालनवाला के थाना प्रभारी मणिभूषण श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है और पुलिस मामले की जाँच करेगी।