प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 44 और 45 के तहत कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया है।
Delhi: One Amit Gupta has also been named as an accused in ED’s chargesheet.
— ANI (@ANI) October 17, 2020
Karkardooma Court has taken cognisance of the chargesheet & issued production warrant against Tahir Hussain; Court has summoned Amit Gupta, asking him to appear on October 19. https://t.co/i9ZJmboPfC
मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट का कहना है, “अभियुक्तों की संलिप्तता के बारे में प्रथम दृष्टया पर्याप्त भड़काऊ सामग्री है।” इसके अलावा ईडी की चार्जशीट में अमित गुप्ता नाम के एक शख्स को भी आरोपित बनाया गया है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने ईडी के चार्जशीट का संज्ञान लिया है और ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रॉडक्शन वारंट जारी किया है। वहीं कोर्ट ने अमित गुप्ता को 19 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है।
North East Delhi violence case: Delhi’s Karkardooma Court says, “There is prima facie sufficient incriminating material about the involvement of the accused persons.”
— ANI (@ANI) October 17, 2020
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार (अक्टूबर 16, 2020) को इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगे के मामलों में दाखिल चार आरोपपत्रों पर संज्ञान लिया था। इनमें से दो आरोप पत्र आम आदमी पार्टी से बर्खास्त पार्षद ताहिर हुसैन और दो आरोपपत्र निजी स्कूल मालिक फैसल फारूक के खिलाफ थे।
वहीं अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी के सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े दो मामलों में दो व्यक्तियों को यह कहते हुए जमानत दे दी है कि मामलों में शिकायतकर्ता घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी नहीं थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मोहम्मद सगीर और मेहताब को जफराबाद क्षेत्र में दंगों के दौरान तोड़फोड़ और वाहनों में आग लगाने संबंधित दो मामलों में से प्रत्येक में 25,000- 25,000 रुपए के निजी मुचलके और उतनी ही राशि के जमानती मुहैया कराने पर जमानत प्रदान की।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने शिव विहार इलाके स्थित राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूक और 17 अन्य के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था, जिसमें आरोप है कि वे पास के डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल को दंगों के दौरान आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने में शामिल थे। इसके साथ ही अदालत ने दो आरोपपत्रों पर संज्ञान लिया – एक हुसैन और नौ अन्य के खिलाफ और दूसरा हुसैन और पाँच अन्य के खिलाफ- जो खजूरी खास में दंगों से जुड़े हैं। अदालत ने कहा कि इन आरोपपत्रों में मामले को संज्ञान में लेने के लिए पर्याप्त सबूत है।
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में सुनियोजित ढंग से सांप्रदायिक दंगा कराया गया। इसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई। कई परिवार बर्बाद हो गए, करोड़ों की संपत्ति जलकर राख हो गई। आम आदमी पार्टी की तुष्टीकरण की राजनीति के तहत अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया गया।