दिल्ली की एक अदालत ने 1984 सिख नरसंहार मामले में पूर्व कॉन्ग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने की घोषणा कर दी है। ये मामला दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह नामक दो सिखों की हत्या से जुड़ा हुआ है। अधिवक्ता हरप्रीत सिंह होरा ने बताया है कि अदालत ने कॉन्ग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दंगेबाजी, हत्या और डकैती के आरोप तय किए हैं। बता दें कि उन्हें 1984 सिख नरसंहार से जुड़े मामले में पहले ही आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई जा चुकी है।
सज्जन कुमार के विरुद्ध ‘भारतीय दंड संहिता (IPC)’ की धाराओं 147 (दंगा और हिंसा के लिए बल प्रयोग), 149 (जनसमूह में अपराध करना), 148 (घातक हथियार का इस्तेमाल), 302 (हत्या), 308 (गैर-इरादतन हत्या), 323 (चोट पहुँचाना), 395 (डकैती), 397 (लूटपाट और आघात पहुँचाना), 427 (संपत्ति का नुकसान कारित करना), 436 (संपत्ति को नष्ट करने के लिए विस्फोट या आगजनी) और 440 (मृत्यु उपहति कारित करना) के तहत आरोप तय किए गए।
इस मामले में सरस्वती विहार पुलिस थाने में FIR 458/91 दर्ज की गई थी। प्रत्यक्ष गवाह ने तस्वीर देख कर सज्जन कुमार को पहचाना था। 1994 में इस मामले को ये कह कर बंद कर दिया गया था कि इसके कोई सबूत नहीं हैं, लेकिन SIT ने इसे फिर से खोला। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अब सुनवाई की अगली तारीख़ 16 दिसंबर, 2021 तय की है। ये सारे आरोप प्रत्यक्ष रूप से सीधे सज्जन कुमार के खिलाफ तय किए गए हैं। अदालत ने माना कि मौखिक और दस्तावेजी सबूत आरोपित के खिलाफ हैं।
अदालत ने कहा, “सारे सबूत ये बताने के लिए काफी हैं कि हजारों लोगों की गैर-कानूनी भीड़ वहाँ जमा हुई थी, जिनके पास डंडे और लोहे के रॉड जैसे खतरनाक हथियार थे। प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की उनके बॉडीगार्ड्स द्वारा हत्या के बाद निकली इस भीड़ का उद्देश्य सिखों की संपत्ति को नाश करना, आगजनी और हत्या था। इस दौरान उन घरों पर हमले किए गए और लूटपाट भी हुई। शिकायतकर्ता और कई अन्य लोग इस हमले में घायल हुए। ये भी साफ़ है कि आरोपित (सज्जन कुमार) उस भीड़ का सिर्फ एक हिस्सा भर नहीं था।”
1984 Anti-Sikh riots| Delhi Court announces charges for rioting, murder, dacoity etc under multiple sections of IPC, against ex-Congress MP, Sajjan Kumar in connection with murder of 2 Sikhs in Raj Nagar, Delhi. Matter listed for Dec 16 for formal framing of charges
— ANI (@ANI) December 7, 2021
(File photo) pic.twitter.com/5Ki6R3bF32
वहीं ‘दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC)’ ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए जाने का स्वागत किया है। कमिटी के सदस्य हरमीत सिंह कालका ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और DSGMC इसके लिए पिछले 37 वर्षों से संघर्ष कर रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले कई बार आयोग का गठन हुआ, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि अब जाकर हमें 37 वर्षों के संघर्ष का नतीजा मिला है। अकाली दल ने भी इस पर ख़ुशी जताई है।
इससे पहले सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दोषी सज्जन कुमार की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनकी मेडिकल कंडीशन स्थिर है। सज्जन कुमार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और ऋषिकेश रॉय की बेंच ने कहा था कि उनका इलाज ‘सुपर वीआईपी’ की तरह नहीं हो सकता। सज्जन कुमार ने मेडिकल कारणों से अंतरिम जमानत की माँग की थी, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सज्जन कुमार ने दिसंबर 2018 में कॉन्ग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।