दिल्ली में एक अधिकारी को नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में हिरासत में लिया गया है। पीड़िता को अबॉर्शन पिल्स खिलाने के आरोप में उसकी पत्नी को भी हिरासत में लिया गया है। दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उक्त अधिकारी वरिष्ठ पद पर कार्यरत था। पीड़िता की उम्र 17 साल है, लेकिन जब उसका कई बार बलात्कार किया गया तब वो 14 साल की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उक्त अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया है।
ये भी सामने आया है कि कोरोना काल में 1 अक्टूबर, 2020 को पिता की मृत्यु के बाद लड़की उक्त अधिकारी से चर्च में मिली थी। आरोपित प्रेमोदय खाखा फ़िलहाल डिप्टी डायरेक्टर के पद पर काबिज था। पिता की मृत्यु के कारण लड़की शोक में थी, इस दौरान अधिकारी उसे अपने घर ले आया। पीड़िता 12वीं कक्षा की छात्रा है। बताया जा रहा है कि नवंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक कई बार उसके साथ बलात्कार किया गया। दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न और शारीरिक शोषण की धाराएँ लगाई हैं।
अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। संस्था के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि प्राथमिक जानकारी के हिसाब से बच्ची के पिता की मृत्यु होने के बाद एक चर्च के माध्यम से बच्चे का परिवार और डिप्टी डायरेक्टर संपर्क में आए। उस लड़की को फिर अधिकारी के रखा गया। प्रियांक कानूनगो ने कहा कि इस मामले में प्रक्रियागत खामी दिख रही है, यानी तय नियमों का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से अगर किसी बच्चे के माता या पिता की मृत्यु हुई है, अगर वो बच्चा अनाथ हो गया है और उसे देखभाल की ज़रूरत है तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि उसकी सारी जानकारी NCPCR के ‘बाल स्वराज’ पोर्टल पर दर्ज होनी चाहिए। इस संबंध में दिल्ली सरकार को भी कई एफिडेविट फाइल करने के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने सभी बच्चों की जानकारी दर्ज किए जाने की बात कही भी थी। लेकिन, अब तक डेटाबेस में बच्ची के सरनेम से सर्च किए जाने पर पूरे तरीके से भरे फॉर्म में बच्ची का कोई डिटेल नहीं मिला है।
#WATCH | NCPCR chief Priyank Kanoongo says, "…There seems to be a procedural lapse in this matter. If a child's father or mother died in the period starting April 2020 or the child became an orphan and they need guardianship, then as per Supreme Court order all their details… https://t.co/ebenU5L2Jn pic.twitter.com/FVBtXeqUgd
— ANI (@ANI) August 21, 2023
NCPCR के अध्यक्ष ने ये भी बताया कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों से बच्ची का नाम और ‘बाल स्वराज’ पोर्टल पर उसकी एंट्री के बारे में पूछा गया है। साथ ही सवाल किया गया है कि किस प्रकार एक बच्ची को बिना चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की अनुमति के उसकी माँ से लेकर किसी दूसरे व्यक्ति तक भेज दिया गया। प्रियांक कानूनगो ने ऐसा करवाने वाले चर्च की भूमिका को भी संदिग्ध बताया। उन्होंने कहा कि चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सामने बच्ची का बयान नहीं दर्ज कराया गया है।
उन्होंने ये जानकारी भी दी है कि चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की अध्यक्ष मिनी जॉर्ज को कॉल कर के संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वो फोन नहीं उठा रही हैं। NCPCR अध्यक्ष ने कहा कि संस्था इस पूरी घटना पर निगाह बनाई हुई है और सारी जानकारी जुटाई जा रही है, दिल्ली सरकार को उचित एक्शन देने के लिए निर्देश भी दिया गया है। बच्ची जिस अस्पताल में भर्ती है, वहाँ भी टीम जाएगी। उन्होंने कहा कि किन-किस की गिरफ़्तारी होनी है, बच्ची को माँ से छीन कर दूसरे व्यक्ति को दिया गया और उस व्यक्ति ने रेप किया – प्राथमिक जानकारी यही है।
#WATCH | The now-suspended rape-accused Delhi government official and his wife have been detained by Police.
— ANI (@ANI) August 21, 2023
The official has been booked for allegedly raping his deceased friend's minor daughter for several months. pic.twitter.com/WN7YSqEi5E
उन्होंने इस पूरे मामले में जिस-जिस अधिकारी की संल्पितता है, उन सबको गिरफ्तार किए जाने की ज़रूरत पर बल दिया। साथ ही अगर अबॉर्शन में कोई डॉक्टर इन्वॉल्व है तो उसे पर भी कार्रवाई की बात उन्होंने कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि सबकी जिम्मेदारियाँ तय की जाएँगी। दिल्ली पुलिस ने उक्त अधिकारी और उसकी बीवी को उसके फ़्लैट पर पहुँच कर हिरासत में भी ले लिया है। इसका वीडियो भी सामने आया है। पीड़िता अभी भी अस्पताल में रिकवर हो रही है, ऐसे में मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान भी दर्ज किया जाएगा।