दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन को हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा है कि बाहर निकलने पर वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। वहीं दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने सीबीआई से जवाब माँगा है। यह मामला एक्साइज पाॅलिसी को लागू करने में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। आम बोलचाल की भाषा में इसे दिल्ली का शराब घोटाला कहते हैं।
सत्येंद्र जैन मई 2022 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने उनकी जमानत याचिका पर गुरुवार (6 अप्रैल 2023) को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा है कि उसे निचली अदालत के फैसले में कोई कमी नजर नहीं आती। सत्येंद्र जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह जेल से बाहर जाकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसलिए जमानत याचिका खारिज की जाती है। इस मामले में कोर्ट ने दो अन्य आरोपित वैभव जैन और अंकुश जैन को भी जमानत देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। जाँच चल रही है। इसलिए यह अदालत इस मामले को लेकर पेश किए सबूतों पर टिप्पणी नहीं कर सकती। जाँच में ऐसे सबूत मिले हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग में कथित तौर पर शामिल 4 कंपनियों में सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के जुड़ाव को दिखाते हैं। सत्येंद्र जैन ने प्रथमदृष्टया दोषी दिखाई पड़ते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने जानबूझकर अपराध को छिपाया है।
बता दें कि इससे पहले निचली अदालत ने भी सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथमदृष्टया यह सामने आया है कि सत्येंद्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आय छिपाने की कोशिश की। निचली अदालत के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। इसके बाद भी वह जाँच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी उन्हें जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है।
11 महीने से जेल में बंद हैं सत्येंद्र जैन
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य और जेल मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में ही बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में हुई थी। ईडी ने अपनी जाँच में पाया है कोलकाता की कंपनियों के साथ उन्होंने अवैध रूप से 4.81 करोड़ रुपए का अवैध लेन-देन किया है। इस मामले में ईडी उनकी 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
Delhi High Court issues notice to CBI on bail plea of former Delhi Deputy CM Manish Sisodia challenging trial court order denying him bail in a case related to alleged irregularities in the framing and implementation of the excise policy of Delhi Government.
— ANI (@ANI) April 6, 2023
मनीष सिसोदिया की बेल पर 20 अप्रैल को सुनवाई
शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 20 अप्रैल को सुनवाई करेगी। गुरुवार को जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने इस पर सीबीआई से जवाब माँगा। इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 31 मार्च 2023 को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी ने मामले दर्ज कर रखे हैं। अभी वे न्यायिक हिरासत में हैं। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में उनकी जमानत याचिका निचली अदालत में लंबित है।