Sunday, November 17, 2024
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‘मुफ्त की राजनीति के कारण इंफ्रास्ट्रक्टर के लिए पैसे नहीं’: 3 छात्रों की मौत पर दिल्ली HC ने AAP सरकार को घेरा, कहा – कंगाल हैं संस्थाएँ, वेतन तक के लिए पैसे नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD से परियोजनाओं पर काम करने के लिए कहा था, लेकिन उधर से कहा गया कि 5 करोड़ रुपए से अधिक बजट वाली हर परियोजना के लिए स्टैंडिंग कमिटी की अनुमति चाहिए।

हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी के राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण 3 छात्रों की मौत हो गई, जिनमें 2 लड़कियाँ थीं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अब इस मामले पर सुनवाई करते हुए प्रदेश की AAP सरकार की ‘मुफ्त की राजनीति’ पर सवाल खड़े किए हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फ्री में बिजली-पानी देने का वादा कर चुनाव जीतते रहे हैं। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला ‘Freebies’ संस्कृति के कारण सरकार के पास इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत बनाने के लिए पैसे ही नहीं हैं।

उन्होंने चिंता ज़ाहिर की कि एक तरफ जहाँ दिल्ली में जनसंख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ यहाँ का ड्रेनेज सिस्टम बर्बाद हुआ पड़ा है। जजों ने कहा कि आप कई मंजिला इमारतों के निर्माण की अनुमति दे रहे हैं, लेकिन अपने पास ठीकठाक ड्रेनेज सिस्टम भी नहीं है। साथ ही ध्यान दिलाया कि दिल्ली की नागरिक संस्थाएँ कंगाल हो चुकी हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP सरकार से पूछा कि अगर आपके पास कर्मचारियों को वेतन तक देने के लिए पैसे नहीं हैं तो आप इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कैसे कीजिएगा?

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि आप Freebie कल्चर चाहते हैं, आप कोई धन संग्रह नहीं कर रहे, इसीलिए आप पैसे खर्च भी नहीं कर रहे। दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD से परियोजनाओं पर काम करने के लिए कहा था, लेकिन उधर से कहा गया कि 5 करोड़ रुपए से अधिक बजट वाली हर परियोजना के लिए स्टैंडिंग कमिटी की अनुमति चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि फ़िलहाल कोई कमिटी ही नहीं है। इसी तरह MCD ने एक योजना को लेकर कहा कि ये कैबिनेट में अनुमति के लिए जाना है, लेकिन अगली कैबिनेट बैठक कब होगी किसी को नहीं होता।

‘Rau’s IAS’ कोचिंग संस्थान में हुई 3 मौतों को लेकर छात्र सड़क पर हैं, इसी क्रम में दिल्ली हाईकोर्ट में भी PIL दाखिल की गई थी। इसमें माँग की गई कि दिल्ली के हर जिले में समिति बना कर जाँच की जाए कि कौन-कौन से निर्माण अवैध हैं। साथ ही जून 2023 में मुखर्जी नगर के एक कोचिंग संस्थान में आग लगने के बाद प्रशासन ने क्या कदम उठाए, इसकी एक्शन रिपोर्ट तलब करने की भी माँग की गई थी। इस मामले में एक कारोबारी मनोज कथुरिया को गिरफ्तार किया गया है, जो कोचिंग के पास से पानी भरी सड़क से अपनी SUV चलाते हुए निकले थे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, “लगता है किसी ने अपना दिमाग खो दिया है। इस मामले की जाँच कर रहे पुलिस अधिकारी आखिर क्या कर रहे हैं? केवल एक MCD अधिकारी को जेल हुई है। आखिर अंत में किसी को तो जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। MCD को इसे ठीक करना होगा। वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदारी लें, लेकिन वो अपने AC चैंबरों से बाहर निकलने के लिए तैयार ही नहीं हैं। हम पूरे परिदृश्य को देखना चाहते हैं, इसीलिए इस मामले की जाँच CBI या लोकपाल से कराने पर विचार किया जाएगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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