16 अप्रैल, 2022 को दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर हमला किया गया था। हमले के दौरान हिन्दू संगठनों ने मस्जिद से पत्थरबाजी के साथ हिंसा में अवैध बांग्लादेशियों के शामिल होने का आरोप लगाया। इस घटना के बाद MCD ने उस क्षेत्र के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया था। हालाँकि, MCD की इस कार्रवाई पर कुछ ही देर बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया था। ऑपइंडिया की टीम ने 28 अप्रैल, 2022 (गुरुवार) को घटनास्थल पर जा कर अभी के हालात का जायजा लिया।
घटनास्थल और आस पास बचा बस एक तिहाई कबाड़
हिंसा से पहले और घटनास्थल और आसपास जितना कबाड़ था, अब उसका एक तिहाई ही रह गया है। काफी कबाड़ और अतिक्रमण हटाया जा चुका है। एक अनुमान के मुताबिक, दो तिहाई हिस्सा हट चुका है लेकिन अभी भी सड़कों के किनारे एक तिहाई हिस्सा दिखाई दे जाता है। हालाँकि, मौके पर गंदगी का अम्बार भी पाया गया।
कबाड़ को शिफ्ट किया गया जहाँगीरपुरी के ही G ब्लॉक में
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये कबाड़ घटनास्थल C ब्लॉक से हटा कर जहाँगीरपुरी के ही G ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया गया है। G ब्लॉक में धोबीघाट कहे जाने वाले क्षेत्र के आगे खुले में सरकारी जमीन पर ऑपइंडिया की टीम को ढेर सारा कबाड़ जमा मिला। G ब्लॉक में ट्रकों और अन्य छोटे वाहनों की लगातार मूवमेंट दिखाई पड़ी। इस स्थान की हिंसा स्थल से दूरी लगभग 1 किलोमीटर है।
घटनास्थल पर पुलिस और पैरामिलिट्री कर रही कैम्प
घटना के लगभग 12 दिनों बाद स्थिति काफी हद तक सामान्य हुई है। इसके बाद भी अभी पुलिस और पैरामिलिट्री मौके पर कैम्प कर रही है। C ब्लॉक में जिस सड़क पर हिंसा की शुरुआत हुई थी, उसके चारों तरफ बैरिकेड लगी हुई है। जामिया मस्जिद के बगल भी पुलिस बल तैनात हैं। सुरक्षा बलों में महिला कर्मियों की भी अच्छी-खासी तादाद दिखी। पुलिस ने C ब्लॉक और आसपास के इलाकों को सेक्टर में बाँट रखा है। बैरिकेड के अंदर स्थानीय निवासियों को आने जाने की छूट है। रात में अतिरिक्त सख्ती बरती जा रही है।
बुलडोजर से टूटा मलबा अभी भी मस्जिद और घरों के आगे
लगभग सप्ताह भर पहले MCD द्वारा चलाए गए बुलडोजर के बाद अभी भी तोडा गया मलबा सड़क के किनारे पड़ा दिखाई दिया। जामिया मस्जिद के आगे की तोड़ी गई दीवाल अभी भी उसी हाल में है। मस्जिद से सटा वकील के बोर्ड का ऑफिस का बाहरी हिस्सा भी टूटी हालत में पड़ा दिखाई दिया जहाँ हिंसा से पहले कबाड़ की बाइकें खड़ी की गईं थीं। विभिन्न पार्टियों द्वारा किए जा रहे राजनैतिक दौरों के दौरान उन्हीं स्थानों को दिखाया जा रहा है।
इसी के साथ सब्ज़ी, दूध व अन्य जरूरी सामानों की लगभग आधे से अधिक दुकानें खुली पाई गईं। C ब्लॉक के जिस सड़क पर हिंसा हुई थी उस सड़क पर अधिकतर दुकानें बंद ही रहीं। जिन दुकानों पर अतिक्रमण बता कर बुलडोजर चला था उसमें से अधिकतर बंद ही मिलीं। शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच बाजर में थोड़ी चहल-पहल हुई। उसके बाद बाजर बंद हो गए।
मस्जिद के सामने खाली मैदान में भी भी झुग्गियाँ
मस्जिद के ठीक दूसरी एक खाली मैदान है। उस मैदान में हिंसा से पहले भी झुग्गियाँ थीं जो अभी भी उसी हालत में हैं। बताया जाता है कि झुग्गियों में ही अधिकतर लोग कबाड़ का काम करने वाले रहते हैं। अतिक्रमण विरोधी अभियान चलने के बाद C ब्लॉक के उस खाली मैदान पर अभी भी वो झुग्गियाँ उसी हालत में बनी हुई हैं।