राजधानी दिल्ली में विवेक विहार के कस्तूरबा नगर में एक महिला के साथ नृशंसता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कुछ महिलाएँ एक लड़की को बेरहमी से पीटती हुई दिखाई दे रहीं हैं। मौके पर भारी भीड़ मौजूद है। भीड़ में अधिकतर औरतें ही हैं। कुछ देर बाद पीड़िता के बाल उस्तरे से काटे जाते हैं। मुँह में कालिख लगा दी जाती है। वीडियो में काफी शोर-शराबा सुनाई देता है।
Delhi Police appeals everyone not to share the alleged video of the incident, as it amounts to breaching the identity and dignity of the victim.
— Delhi Police (@DelhiPolice) January 27, 2022
This is insensitive and against the law and attracts penal action.(2/2)#DelhiPoliceUpdates#DelhiPoliceCares
दिल्ली पुलिस ने लोगों से वीडियो न शेयर करने की अपील की है। इस पूरे घटनाक्रम में अब तक कुल 11 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें 9 महिलाएँ भी शामिल हैं। पकड़े गए आरोपितों में 2 नाबालिग भी हैं। पीड़िता की उम्र लगभग 20 साल बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि इसी केस में कुछ आरोपित फरार चल रहे हैं जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामले की जाँच जारी है।
घटना दिल्ली के विवेक विहार की है। मोहल्ले का नाम कस्तूरबा नगर है। आरोपितों पर गैंगरेप, शारीरिक हमला, यौन हमला और आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, नवम्बर 2021 में आरोपित पक्ष के परिवार से एक नाबालिग लड़के ने पीड़िता से एकतरफा प्यार में असफलता के बाद आत्महत्या कर लिया था। पीड़िता पर हमला और उसके साथ किया गया कृत्य उसी का बदला था।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त डंडा और फोन बरामद कर लिए हैं। जिस फोन से वीडियो बनाया गया है उसको फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है। पीड़िता को जिस ऑटो से अगवा किया गया था उसकी तलाश की जा रही है। पीड़िता का मजिस्ट्रेट के आगे गुरुवार (27 जनवरी, 2022) को बयान दर्ज हो गया है। पीड़िता की ही मर्जी से उन्हें शेल्टर होम भेज दिया गया था।
ऑपइंडिया की टीम पहुँची पीड़िता के घर
ऑपइंडिया की टीम ने पीड़िता और आरोपितों के घरों तक पहुँची। गली में घुसने से पहले सड़क पर सर्कुलर रोड पुलिस बीट है। वहाँ पर पुलिस की एक PCR खड़ी दिखाई दी। उसमें मौजूद पुलिसकर्मी गली में आने-जाने वाले लोगों से सुरक्षा की दृष्टि से पूछताछ कर रहे थे। यद्यपि बाहर सड़क पर जन जीवन की स्थिति सामान्य दिखी।
जिस गली में पीड़िता का मकान है उसमें घुसते ही कई बाहरी लोगों की चहलकदमी दिखाई पड़ी। गली के स्थानीय निवासी अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे। पीड़िता के घर के सामने वाली सड़क पर दर्जनों पुलिस के जवान तैनात थे। मौके पर महिला पुलिस अधिकारी पूनम पुलिस बल का नेतृत्व कर रही थीं। ऑपइंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, घटना के दिन सूचना मिलने पर पुलिस 4 मिनट में घटनास्थल पर पहुँच गई थी।
ऑपइंडिया की टीम जब पीड़िता के मकान पर पहुँची तब बाहर के तमाम लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। मौके पर सांसद गौतम गंभीर के प्रतिनिधि और हिंदूवादी नेता जय भगवान गोयल मौजूद थे। दोनों पीड़िता के परिवार के साथ कई घंटों तक रहे। मौके पर कुछ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। पुलिस बल वहाँ मौजूद लोगों से पीड़ित परिवार की सुरक्षा और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए बार-बार भीड़ न लगाने को कह रहा था।
ऑपइंडिया से बातचीत में जय भगवान गोयल ने लड़की के परिवार को पूरी कानूनी मदद देने की बात कही। गौतम गंभीर के प्रतिनिधि ने भी लड़की के परिवार को हर संभव मदद देने की बात कही। दोनों ने ही घटना को नृसंश बताया।
पीड़िता का घर एक पतले गलियारे से लगभग 10 मीटर अंदर जाना पड़ता है। घर के मुहाने पर दिल्ली पुलिस का जवान तैनात था। बिना पहचान के किसी भी अनजाने को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी।
पीड़िता के चाचा ने की ऑपइंडिया से बात
ऑपइंडिया से बातचीत में पीड़िता के चाचा ने कहा, “हम मूल रूप से पाकिस्तान लाहौर के रहने वाले हैं। बँटवारे के समय हमारा परिवार भारत आया था। आँखें ख़राब होने के चलते मैं देख नहीं पाता। मेरा भाई (पीड़िता का पिता) ऑटो चलाता था। कुछ समय पहले एक एक्सीडेंट में उसे बहुत चोट लग गई थी। उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है। तब से वह बिस्तर पर ही पड़ा रहता है। हमारा ऑटो ड्राइवर चलाता है। घर का खर्च उसी पैसे से चलता है। पीड़िता शादीशुदा है और एक बच्चे की माँ है। वह अपने पिता की सेवा करने के लिए यहाँ आती-जाती रहती है।”
पीड़िता के चाचा के मुताबिक, “हमला करने वालों के परिवार का एक 16 साल का लड़का काफी दिन से मेरी भतीजी के पीछे पड़ा था। मेरी भतीजी उस से 4 साल बड़ी है। बाद में मेरी भतीजी की शादी कहीं हो गई। उनका पति दूसरे प्रदेश के एक होटल में काम करता है। अब उसका एक बेटा भी है। लड़का अपने घर में लड़की के लिए मर जाने की धमकी पहले भी दिया करता था। बीते नवम्बर महीने में जिस हमला करने वालों के परिवार के उस लड़के ने ट्रेन के आगे कूद कर जान दे दी। हमलावर हमारी भतीजी को इसका जिम्मेदार मानते हैं। लड़के की मौत के बाद उनके घर वालों ने पुलिस में शिकायत नहीं की। उन्होंने अगले ही दिन मेरे घर पर हंगामा बोल दिया था। इसलिए उन सभी ने मिल कर ऐसा किया। लड़की पहले सीमापुरी में रहती थी। वहाँ उसे मारने की धमकी मिली तो वो डर से किराए पर कड़कड़डूमा में रहने लगी थी। लोहड़ी के दिन इन्हीं लोगों द्वारा पीड़िता की मौसी को भी मारा-पीटा गया था। तब वह मिलने आई थी। उस समय पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुला कर लिखा पढ़ी की थी। साथ ही आगे कोई दिक्कत होने पर कॉल करने के लिए कहा था।”
पीड़िता के चाचा ने आगे बताया, “घटना 26 जनवरी की है। गली में मकान हमारा खुद का है। जिन महिलाओं ने मेरी भतीजी पर हमला किया वो बहुत खतरनाक परिवार से हैं। उनके 2 नंबर के (आपराधिक) काम हैं। घटना के दिन पहले झगड़ा घर से शुरू हुआ। लड़की (पीड़िता) अपने पिता को नहला रही थी। मैं ऊपर किचन में चाय पी रहा था। मैं नीचे नहीं आया क्योकि मुझे मामला महिलाओं का लगा। मेरी भतीजी (पीड़िता) घर से बाहर चली गई। पीछा लड़की की छोटी बहन का किया गया। वो गेहूँ देने कड़कड़डूमा गई थी अपनी बड़ी बहन को। वही से उसको झपट्टा मार कर ऑटो में बिठा लिया गया। उन महिलाओं ने मुझ से मेरी भतीजी की लोकेशन पूछी। मैंने मना किया तो उन्होंने मुझे धमकी दी। मैं डर गया। फिर उन्होंने मेरी भतीजी का पता लगा कर उसको ऑटो में बिठा कर कहीं ले गईं। खूब मारपीट की गई घर में बंद कर के। बाद में अंदर कुछ लड़कों से गलत काम भी करवाया गया। सिर के बाल छील दिए गए और जूतों की माला पहनाई गई। मेरी भतीजी से मारपीट करने वालों में चाची – ताई सभी शामिल हैं। मुझे दुष्कर्म करने वाले का नाम नहीं पता है।”
जब ऑपइंडिया ने इस घटना के दौरान पुलिस को सूचना न देने की वजह पूछी तो उन्होंने बताया, “हमारे फोन छीन लिए गए थे। पड़ोस में किसी ने फोन नहीं किया। सब डरते थे उनसे।”
पीड़िता के नाना ने ऑपइंडिया से की बात
ऑपइंडिया से बातचीत में पीड़िता के नाना का कहना था, “किसी मूर्ख को अक्ल होती है क्या ? किसी को आपका अपमान करना है, कर दिया। किसी चोर-उच्चके का रिश्ता किसी पर्स वाले से सिर्फ यही होता है कि पर्सवाले की जेब में पैसे होते हैं। अगर कोई कुत्ता किसी को घर में घुस कर काट रहा हो तो घर वाले भी कुत्ते जैसे बन जाएँ तो दोनों में अंतर क्या रह जाएगा? अब क्या बताएँ हम। क्या हम कोई वीडियो बना रहे थे वहाँ बैठ कर? मैं क्या इनके पास 24 घंटे रहता हूँ? मैं नौकरी से रिटायर हूँ। मुझे तो नौकरी में ही समय नहीं था।”
पीड़िता के पिता घर में बिस्तर पर लेते थे। वो बोल पाने में भी असमर्थ थे। निचले तक के मकान में 1 कमरे में पूरी गृहस्थी बसी हुई है। मौके पर पीड़िता के कुछ रिश्तेदार भी मौजूद थे।
आरोपित का घर भी पीड़िता के घर के पास
ऑपइंडिया की टीम उस घर पर गई जिन पर पीड़िता पर हमले का आरोप है। घर नीले रंग में रंगा हुआ है। घर के आगे वाशिंग मशीन रखी हुई थी जिस पर कुछ कपड़े पड़े हुए थे। घर के आगे शटर लगा हुआ था जो बंद पड़ा है। इसी के साथ बगल से एक प्रवेश द्वार भी था जिस पर ताला लगा हुआ है। घर की छत पर फास्ट फ़ूड का बैनर लगा हुआ मिला जो एक कोने से निकला हुआ था। मकान के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात था। घर में सम्पर्क के लिए कोई भी मौजूद नहीं था।
पीड़िता का चचेरा भाई विवेक विहार थाने का BC (बैड करेक्टर)
ऑपइंडिया की पड़ताल में सामने आया कि पीड़िता का चचेरा भाई भी थाना विवेक विहार का BC (बैड करेक्टर) है। बैड कैरेक्टर (BC) मुख्यतः किसी क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों को कहा जाता है। चाचा ने ऑपइंडिया से बात की उनका ही बेटा थाने का BC है। उस क्षेत्र में अवैध शराब आदि बनाने के आरोप में कई लोग पुलिस रिकार्ड में दर्ज हैं। जिन पर समय-समय पर कार्रवाई होती रही है।
पड़ोसियों ने कैमरे पर बोलने से किया इंकार
ऑपइंडिया ने इस घटना की जानकारी पड़ोसियों से लेनी चाही। घर के कुछ ही दूरी पर किराने की दुकानें और मुख्य सड़क है। लेकिन सभी ने इस मामले में कुछ भी बताने से मना कर दिया। अधिकतर लोगों का जवाब था, “मुझे कुछ नहीं मालूम।”
ऑपइंडिया ने मौके पर मौजूद पुलिस बल से भी बातचीत करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस बल ने भी ऑन-कैमरा कोई बात करने से मना कर दिया। ऑपइंडिया ने इस मामले में पुलिस वर्जन के लिए DCP शाहदरा और ACP विवेक विहार को संपर्क किया। DCP शाहदरा द्वारा फोन उठाया नहीं गया और ACP विवेक विहार ने फोन काट दिया। पुलिस का वर्जन आने के बाद खबर अपडेट की जाएगी।