तबलीगी जमात के मरकज मामले की जाँच कर रही दिल्ली पुलिस ने 700 विदेशी जमातियों के डॉक्यूमेंट सीज किए हैं। यह सभी जमाती निजामुद्दीन स्थित मरकज में आए थे। सभी के पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज क्राइम ब्रांच ने सीज किया है, ताकि ये देश छोड़कर भाग नहीं सके। इन सभी विदेशी जमातियों से मरकज और मौलाना साद को लेकर पूछताछ होगी।
गौरतलब है कि मरकज में इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, ईरान, चीन और बांग्लादेश समेत कई देशों से जमाती आए हुए थे। मरकज में शामिल होने के बाद यह लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में गए थे। मरकज का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद सभी विदेशी जमातियों को क्वारनटाइन किया गया था।
इसमें से कई विदेशियों पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में केस दर्ज किए गए हैं। अब इन 700 विदेशी जमातियों का पासपोर्ट सीज कर दिया गया है।
तबलीगी जमात से जुड़े हजारों लोगों ने हाल ही में अपना कोरोना क्वारंटाइन पूरा किया है। दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वे तबलीगी जमात के 4000 सदस्यों को क्वारंटाइन सेंटरों से छोड़ दें, यानी सबको घर जाने की इजाजत मिल गई थी। इसमें भारत के अलग-अलग राज्यों के जमातियों को घर जाने की छूट थी।
उल्लेखनीय है कि तबलीगी जमात का निजामुद्दीन स्थित मरकज कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था। यहॉं हुए कार्यक्रम में भारत सहित कई देशों के जमाती शामिल हुए थे। मार्च में कई देशों के हजारों तबलीगी जमात के सदस्यों ने यहाँ आयोजित मजहबी कार्यक्रम में भाग लिया था, जिसमें कोरोना वायरस से जुड़े चेतावनियों और सावधानियों का खुलेआम उल्लंघन किया गया था।
इस मामले में जाँच में जुटी क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद के बेटे को अपने कार्यालय में बुलाकर करीब 2 घंटे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उन्होंने साद के बेटे से 20 लोगों की जानकारी माँगी जो दिल्ली के मरकज में न केवल शामिल थे, बल्कि मरकज़ प्रबंधन टीम का हिस्सा थे।
क्राइम ब्रांच को अब तक की पड़ताल में पता चला है कि मरकज के 20 ऐसे कर्मचारी हैं जो यहाँ आने-जाने वाले जमातियों की व्यवस्था से जुड़े थे वे केस दर्ज होने के बाद से गायब हैं। अब चूँकि साद का बीच वाला बेटा मुख्यालय की गतिविधियों में अधिक सक्रिय है और यही प्रबंधन से जुड़े 6 पदाधिकारियों के साथ ज्यादा बैठक भी करता था, इसलिए क्राइम ब्रांच ने उसे बुलाकर पूछताछ की और तबलीगी जमात मुख्यालय की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी माँगी।