दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जामिया एल्यूमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा उर्र रहमान (Shifa Ur Rahman) को गिरफ्तार कर लिया है। शिफा उर्र रहमान पर दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों के दौरान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगा भड़ाकने का आरोप है। उसे सोमवार (अप्रैल 27, 2020) को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया।
जानकारी के मुताबिक रविवार (अप्रैल 26, 2020) को पुलिस ने शिफा को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के दौरान दिल्ली दंगो में कई जगह उनकी संलिप्तता पाई गई। उनके खिलाफ तमाम सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
Delhi Police Special Cell has arrested one Shifa-Ur-Rehman in connection with North East Delhi riots case, his questioning is underway: Delhi Police
— ANI (@ANI) April 27, 2020
पुलिस ने बताया कि जामिया के छात्र सरूफा जरगर और मीरान हैदर को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की गई। जिसके बाद शिफा का नाम सामने आया। सरूफा जरगर और मीरान हैदर को UAPA एक्ट के तहत पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि उनके पास रहमान के खिलाफ तकनीकी सबूत हैं जो ये साबित करते हैं कि वह भीड़ को उकसाने का काम कर रहा था। रहमान हिंसा प्रभावित इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी कैद हुआ है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने रहमान के मैसेजेस, व्हाट्सएप आदि सब जाँचे हैं जिसमें साफ है कि वह हिंसा में संलिप्त था। पुलिस के अनुसार उसे कोर्ट में पेश किया गया जहाँ उसे 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
अब तक हिंसा मामले में 10 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। एक FIR के मुताबिक दिल्ली हिंसा एक सांप्रदायिक हिंसा थी जो पहले से बुना गया षड्यंत्र था और इसे पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद और दो अन्य छात्रों ने रचा था। इस साजिश के तहत दो अलग-अलग जगहों पर उमर खालिद ने भड़काऊ भाषण दिए थे जिनकी जाँच की जा रही है।
उमर खालिद पर दर्ज FIR में लगे आरोपों के अनुसार, उमर खालिद और उसके सहयोगियों ने औरतों-बच्चों को सड़कों पर उतारकर हिंसा भड़काने की साजिश रची थी। इसके बाद यमुनापार के मौजपुर, कर्दमपुरी, जफराबाद, चाँदबाग, शिव विहार में और इसके आस-पास के इलाकों में दंगे हुए थे।
FIR कॉपी में उमर खालिद के बारे में लिखा गया है कि साज़िश के तहत दिल्ली के मौजपुर, कर्दमपुरी, जाफराबाद, चाँदबाग़, गोकुलपुरी और शिव विहार जैसे इलाक़ों में जगह-जगह घरों में बंदूकें, पेट्रोल बम, एसिड बोतल और पत्थर बड़ी संख्या में जुटाए गए। इन्हें फेंकने के लिए गुलेल सहित अन्य घातक सामानों की व्यवस्था की गई। दंगों में भीड़ जुटाने के लिए उमर खालिद और दानिश ने अलग-अलग इलाक़ों से लोगों को लाने में अहम भूमिका निभाई। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन को इसी साज़िश के तहत जाम किया गया और आसपास के लोगों को परेशान करने के लिए वहाँ महिलाओं व बच्चों को जुटा कर रास्ते अवरुद्ध किए गए।
गौरतलब है कि इस हिंदू विरोधी दंगे में कई लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल भी हुए थे। इस मामले को लेकर पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने के लिए पुलिस को निर्देश देने संबंधी याचिका पर केंद्र, पुलिस और आम आदमी पार्टी सरकार से जवाब माँगा था।