Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजजफरुल इस्लाम पर जल्द गिरेगी गाज, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पद से हटाने की...

जफरुल इस्लाम पर जल्द गिरेगी गाज, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू

दिल्ली सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि उपराज्यपाल ने यह पत्र 30 अप्रैल को ही लिखा था, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि वो विभाग को डीएमसी ऐक्ट की धारा 4 के तहत जफरूल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दें।

विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के चलते जफरुल इस्लाम खान को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की प्रकिया शुरू हो चुकी है। इसकी जानकारी सोमवार (मई 11, 2020) को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दी।

सोमवार को इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि ज़फरुल इस्लाम को आठ मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

आम आदमी पार्टी सरकार के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर डीएमसी चेयरमैन जफरूल इस्लाम के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। 

दिल्ली सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि उपराज्यपाल ने यह पत्र 30 अप्रैल को ही लिखा था, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि वो विभाग को डीएमसी ऐक्ट की धारा 4 के तहत जफरूल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दें।

जानकारी के मुताबिक यह धारा आयोग के चेयरमैन या सदस्य को पद से हटाए जाने से संबंधित है। इसके बाद कोर्ट ने उपराज्यपाल से इस पर जल्द फैसला लेने के लिए कहा है। इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पशेल सेल की तरफ से नोटिस जारी करते हुए जफरुल को 12 मई तक मोबाइल और लैपटॉप जमा करने के लिए कहा था।

बता दें कि जफरुल इस्लाम खान को उनके पद से हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि खान ने अपने सोशल मीडिया पेज पर भड़काऊ और देशद्रोही बयान दिया था। याचिका पर आज सुनवाई हुई।

आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर किए गए याचिका में कहा गया था कि 2 मई को FIR दर्ज होने के बावजूद जफरुल इस्लाम खान ने 3 मई को कहा कि उन्होंने न तो अपना ट्वीट डिलीट किया है और न ही इसके लिए माफी माँगी है। वह अपनी बात पर अब भी कायम हैं। 

साथ ही याचिका में आरोप लगाया गया कि स्पष्ट है कि वे जान-बूझकर भड़काऊ और देशद्रोही बयान दे समाज में असंतोष और दरार पैदा करना चाहते हैं। इसमें दावा किया गया कि जफरुल इस्लाम, जो कि एक जिम्मेदार पद पर आसीन है, ने ऐसा घृणित बयान देकर देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाल दिया है।

इन्होंने भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को धूमिल करने और दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की है। जफरुल खान का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत, अपमानजनक और देश विरोधी है।

गौरतलब है कि 28 अप्रैल को जफरुल इस्लाम ने ट्वीट कर कहा था कि कट्टर हिन्दुओं को शुक्र मनाना चाहिए कि भारत के समुदाय विशेष ने अरब जगत से कट्टर हिन्दुओं द्वारा हो रहे ‘घृणा के दुष्प्रचार, लिंचिंग और दंगों’ को लेकर कोई शिकायत नहीं की है और जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उस दिन अरब के लोग एक आँधी लेकर आएँगे, एक तूफ़ान खड़ा कर देंगे।

जफरुल खान के समर्थन में 8 मई को 20 मौलवियों और नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मुकदमे को वापस लेने की माँग की थी। इस बयान में उन्होंने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज किए गए FIR की निंदा करते हुए कहा था कि खान को उत्पीड़ितों के लिए बोलने के लिए ‘दंडित’ किया जा रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अब इस्लामी कानून से ब्रिटेन को हाँक रहे मुस्लिम, चल रहे 85 शरिया कोर्ट: 4 बीवी की रवायत को बढ़ावा, ग्रूमिंग गैंग के आतंक...

इंग्लैंड में वर्तमान में 85 ऐसी शरिया अदालतें चल रही हैं। मुस्लिमों के मसलों से निपटने के लिए बनाई गई यह शरिया अदालतें पूरे इंग्लैंड में फैली हुई हैं।

अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वालों को मिली जमानत, कॉन्ग्रेसी CM रेवंत रेड्डी के साथ तस्वीरें वायरल: तोड़फोड़ के बाद ‘पुष्पा 2’...

बीआरएस नेता ने दावा किया है कि आरोपितों में से एक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का आदमी था। वहीं कॉन्ग्रेस नेता ने इन आरोपों पर कोई बयान नहीं दिया है।
- विज्ञापन -