दोस्त की बेटी से रेप करने के आरोपित प्रेमोदय खाखा की दिल्ली पुलिस ने पोटेंसी टेस्ट कराई है। आम बोलचाल की भाषा में इसे मर्दानगी की जाँच भी कहते हैं। इस टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति नपुंसक है या नहीं। क्योंकि कई बार रेप के आरोपित खुद को नपुंसक बताकर बचने की कोशिश करते हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 22 अगस्त 2023 को खाखा का दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में मेडिकल जाँच के साथ-साथ पोटेंसी टेस्ट भी कराया गया। इसके बाद उसे अदालत में पेश किया गया। अदालत ने खाखा और उसकी बीवी सीमा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर रहे खाखा की बीवी पर पीड़िता का गर्भपात कराने का आरोप है। लेकिन खाखा के वकील ने दावा किया है कि लड़की के गर्भवती होने के आरोप झूठे हैं, क्योंकि खाखा करीब 20 साल पहले ही नसबंदी करा चुका है।
रेप केस की जाँच से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से हिंदुस्तान ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि प्रेमोदय खाखा ने 2005 में नसबंदी कराने के दावे को साबित करने के लिए पुलिस को दस्तावेज भी सौंपे हैं। पुलिस इन दस्तावेजों की भी पड़ताल करेगी।
क्या है मामला
खाखा पर अक्टूबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 के बीच पीड़िता के यौन शोषण का आरोप है। 17 साल की पीड़िता का जब पहली बार शोषण हुआ तब वह 14 साल की थी। अक्टूबर 2021 में पीड़िता के पिता की मृत्यु हो गई थी। इस सदमें से उसे उबारने के लिए खाखा उसे अपने घर ले गया था। दोनों परिवार पहले से परिचित थे और पीड़िता खाखा को ‘मामा’ कह कर बुलाती थी। बताया जा रहा है कि नवंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक कई बार उसके साथ खाखा ने बलात्कार किया।
अब पता चला है कि दोनों परिवार 1998 में चर्च के माध्यम से संपर्क में आए थे। वो चर्च में रविवार की प्रार्थना अटेंड करना जाते थे, उसी दौरान इनकी मुलाकात हुई और वो करीब आए। कथित तौर पर पीड़िता के गर्भवती होने पर प्रेमोदय खाखा की बीवी सीमा ने उसे गर्भपात की गोलियाँ खिलाई। इससे उसकी तबियत खराब हो गई। लड़की को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहाँ उसने डॉक्टर को पूरी आपबीती सुना दी।
इसके बाद मामला पुलिस के संज्ञान में आया। पुलिस ने पॉक्सो, यौन शोषण, जान से मारने की धमकी, जबरन गर्भपात, मारपीट समेत अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। खाखा के बारे में यह भी पता चला है कि उसके खिलाफ 3 अन्य महिलाओं ने भी वर्कप्लेस पर उत्पीड़न की शिकायत दी थी। आरोप है कि उसके विभाग ने इस मामले को रफा-दफा कर दिया। ऑपइंडिया के पास 23 फरवरी, 2019 को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली के WCD विभाग को भेजा गया वो पत्र मौजूद है, जिसमें लिखा गया है कि जवाब माँगे जाने के बावजूद विभाग ने इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
सोशल मीडिया से पता चलता है कि प्रेमोदय खाखा कट्टर ईसाई है। एक फेसबुक पोस्ट में उसने लिखा है, “मेरी कोई आशा न होती यदि मैं इस बात से अनजान होता कि किसी ने मेरे सब कर्मों का फल क्रूस पर बलिदान होकर भुगत लिया।” उसने इंट्रो में बाइबिल का एक उद्धरण लगा रखा है। बाइबिल के ‘जॉन’ में 14वें चैप्टर की 21वीं वर्स के इस उद्धरण का मतलब है, “जिसके पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूँगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूँगा।”