राजधानी दिल्ली में स्कूलों को निशाना बनाकर बम धमकी देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते सप्ताह में तीसरी बार स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिलने से छात्रों, अभिभावकों और स्कूल प्रशासन में तनाव और दहशत का माहौल है। शनिवार (14 दिसंबर 2024) सुबह 6:12 बजे फिर से डीपीएस आरकेपुरम, रेयान इंटरनेशनल स्कूल वसंत कुंज और अन्य स्कूलों को धमकी भरा ईमेल मिला।
पुलिस के अनुसार, शनिवार सुबह 6:12 बजे स्कूलों को एक ग्रुप मेल मिला। दिल्ली पुलिस ने कहा, “आज (शनिवार) सुबह 6:12 बजे स्कूल को बैरी अल्लाह के नाम से ‘चिल्ड्रन ऑफ अल्लाह’ ([email protected]) से एक ग्रुप मेल मिला।” बम से उड़ाने की धमकी वाला ईमेल मिलने के बाद स्कूलों ने तुरंत दिल्ली पुलिस को इस बारे में सूचना दी। अधिकारियों ने कहा कि सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस, बम डिटेक्शन टीम और फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी मौके पर पहुँचे, लेकिन अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
बम की धमकी वाले ईमेल में लिखा है, “अल्लाह सजा का विरोध करने के वालों के प्रयासों को देख रहा है। ऐसा करने वालों के ये प्रयास व्यर्थ है, क्योंकि कोई भी शख्स अल्लाह के न्याय से बच नहीं सकता।” ईमेल में लिखा है, “पैगंबर मुहम्मद ने अपने बच्चों को अल्लाह की पवित्र लौ में जलने की क्षमता दी है।” ईमेल में आगे कहा गया है, “शनिवार को जब छात्र वहाँ (स्कूल) में मौजूद नहीं होंगे, तब स्कूल की इमारतों को गिरा दिया जाएगा। हमारे बम जैकेट को पैगंबर मुहम्मद के ताकत मिली है। वे अपने लक्ष्य में विफल नहीं होंगे। हमारे बच्चे अल्लाह के बहादुर सेवक हैं। वे अपना काम पूरा करेंगे।”
दिल्ली पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत स्कूलों को खाली कराया और बम निरोधक दस्ते के साथ तलाशी अभियान शुरू किया। हालाँकि, किसी भी स्कूल परिसर से कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। दिल्ली पुलिस और साइबर क्राइम यूनिट ने जाँच में पाया कि ये ईमेल देश के बाहर से भेजे गए थे। दिल्ली पुलिस ने कहा, “आपकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” पुलिस ने आश्वासन दिया कि मामले की गहनता से जाँच जारी है।
बता दें कि पिछले सप्ताह 30,000 अमेरिकी डॉलर की फिरौती माँगते हुए भी 44 स्कूलों को इसी तरह के ईमेल भेजे गए थे। यह ईमेल रात 11:38 बजे “[email protected]” से भेजा गया था। इन घटनाओं ने सुरक्षा के मौजूदा प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही दिल्ली सरकार और पुलिस को इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) बनाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने आठ सप्ताह के भीतर एक व्यापक ऐक्शन प्लान तैयार करने को कहा है। हालाँकि दिल्ली पुलिस ने फर्जी धमकियों का पता लगाकर लोगों को आश्वस्त किया है, लेकिन यह घटनाएँ सुरक्षा की खामियों और स्कूलों में मजबूत प्रोटोकॉल की कमी को उजागर करती हैं। यह मामला न केवल सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता की परीक्षा है, बल्कि यह सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी है कि बच्चों और उनके परिवारों को किसी तरह का मानसिक आघात न पहुँचे।