ज़मीन पर चाहे जो भी स्थिति हो, लिबरलों के गिरोह विशेष का का पूरा जोर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अपने अनुरूप माहौल बनाने का रहता है। वो चाहते हैं कि देश के 0.045% क्षेत्र के कुछ हिस्से में हुए विरोध-प्रदर्शन को यूँ दिखाया जा रहा है जैसे कि पूरा देश सुलग रहा हो। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आए हुए हैं और इंटरनेशनल समुदाय की नज़र भी दिल्ली पर है। सीएए विरोधी इसका पूरा फायदा उठा कर उनका अटेंशन लेना चाहते हैं। इसके लिए भले ही उन्हें ख़ून ही क्यों न बहाना पड़े। इतना हिंसक माहौल बना दो कि हर विदेशी नेता और सेलेब्रिटी मोदी के ख़िलाफ़ बोले।
इसी क्रम में एक मौलाना का विडियो वायरल हो रहा है। जैसा कि आपको पता है, कई मुल्ला-मौलवी सीएए को जबरन मजहब का मुद्दा बना कर लोगों को भड़काने में लगे हुए हैं। भले ही ये विडियो बिहार के अररिया का हो लेकिन इससे इनके पूरे देश में चल रहे इनके ख़तरनाक एजेंडे का पता चलता है। इस वीडियो में मौलाना कहता दिख रहा है कि विरोध-प्रदर्शन का मुख्य मकसद देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना है। मौलाना ने लोगों को भड़काते हुए बताया कि प्रोटेस्ट्स के बहुत सारे फ़ायदे होते हैं, जैसे कि विदेशी कम्पनियाँ और निवेशक भारतीय बाजार में रुपया लगाना बंद कर देते हैं।
मौलाना ने समुदाय विशेष को उकसाते हुए कहा कि विदेशी निवेशक रोज भारत के शेयर बाजार में अपना पैसा लगाते हैं, अगर रोज विरोध-प्रदर्शन होंगे तो वो पैसा नहीं लगाएँगे, जिससे भारतीय शेयर बाजार धड़ाम हो जाएगा। मौलाना ने लोगों से कहा कि अगर वो फलाँ चौक पर खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं तो उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए कि इससे कुछ असर नहीं पड़ेगा। मौलाना ने धूर्ततापूर्वक समझाया कि अगर वो कहीं भी खड़े होकर विरोध प्रदर्शन करते हैं तो उसका असर होता है। ‘पॉलिटिकल कीड़ा’ द्वारा जारी किए गए वीडियो में मौलाना ने कहा है:
“अपने-आप को कमतर मत आँकिए। जब पत्थर का छोटा सा टुकड़ा भी कहीं पानी में गिरता है तो वो बड़ा सुराख कर देता है। विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। ये तब तक चलता रहेगा, जब तक दोनों भ्रष्टाचारी लोग (मोदी-शाह) उल्टी न कर दें। हम सीएए को रद्द करने के चक्कर में हैं। इंशाअल्लाह, हमारे बहुत सारे लोग जो ज़मीन पर उतरे हुए हैं और इस कोशिश में लगे हुए हैं कि एनआरसी एवं एनपीआर लागू नहीं हो, वे सफल होंगे।”
Mullah reveals objective of Muslim protesters in Delhi. He says, Intl capital is reluctant to invest in turmoil with rioters burning vehicles & property.
— Tarek Fatah (@TarekFatah) February 25, 2020
It’s no coincidence, they killed a policeman & tried a Hindu-Muslim riot while Trump was here.
pic.twitter.com/AT3HZVUZcl
मौलाना ने ऐलान किया कि मु*म अगर डरता है तो सिर्फ़ अल्लाह से डरता है और किसी और से नहीं डरता। उसने साथ ही कहा कि मु*म गद्दारों से नहीं डरेगा, वो कल भी नहीं झुका था, आज भी नहीं झुकेगा। दिल्ली में भड़की ताज़ा हिंसा के बीच मौलाना का ये बयान गौर करने लायक है क्योंकि ट्रंप के दौरे के दौरान अचानक से गोलीबारी और पत्थरबाजी का क्या मकसद हो सकता है? स्पष्ट है, उपद्रवी भारत के बाजारों को ठप्प कर इकोनॉमी को चोट पहुँचाना चाहते हैं।
मौलाना की बातों और हिंसा की क्रोनोलॉजी को समझिए। भारत में हर साल 1 करोड़ से भी अधिक पर्यटक आते हैं। देश की छवि एकदम से नकारात्मक बना दी जाए तो सोचिए पर्यटन इंडस्ट्री पर कितना बुरा असर पड़ेगा? इसी तरह विदेशी कम्पनियाँ व निवेशक पीछे हटेंगे तो रोजगार से लेकर शेयर बाजार तक पर बुरा असर पड़ेगा। यही इनकी साज़िश है। सीएए को देश के बाहर इतना बुरा कर पेश किया जाए कि लोगों को सच में लगने लगे कि ये एक ख़तरनाक क़ानून है। दिल्ली में हुए विरोध-प्रदर्शन को देशव्यापी बता कर इंटरनेशनल मीडिया का अटेंशन लेने के प्रयास जारी है।