तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद और बंगाली फिल्म अभिनेत्री नुसरत जहां ने 20 सितंबर 2020 को अपने इन्स्टाग्राम एकाउंट पर एक वीडियो साझा किया था। वीडियो में वह महिषासुरमर्दिनि के रूप में नज़र आ रही थीं। इसके कारण वह एक बार फिर मज़हब विशेष के लोगों के निशाने पर आ गई हैं। देवबंद के मौलाना इसहाक गोरा ने इसे इस्लाम की नजर में हराम बताते हुए कहा है कि नुसरत जहां इसके लिए अल्लाह से तौबा करें।
मौलाना इसहाक गोरा ने कहा, “नुसरत को ऐसी हरकतें करना पसंद है। वह अक्सर विवादों में रहती है। इस्लाम में इस तरह की तमाम चीज़ें हराम हैं, लेकिन नुसरत फिर भी ऐसा करती है। इस तरह की हरकतों से लोगों की भावनाएँ आहत होती हैं। मेरे अनुसार यह पूरी तरह गलत है। नुसरत जहां को अपनी इस हरकत के लिए सार्वजनिक तौर पर माफ़ी माँगनी चाहिए।”
मौलाना इसहाक ने यह भी कहा कि इस तरह दुर्गा का वेष धारण करके लोगों को ‘शुभो महालया’ की शुभकामना देना इस्लाम में हराम है। वह ऐसा नहीं कर सकती है। वहीं सोशल मीडिया पर मौजूद कट्टरपंथियों ने तो यहाँ तक कह दिया कि वह अल्लाह से नहीं डरती हैं, इसलिए उनकी मौत का समय नज़दीक आ गया है। अब उन्हें अल्लाह से कोई नहीं बचा सकता है।
इसके पहले भी 17 सितंबर को नुसरत जहां ने इन्स्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की थी। इस तस्वीर में नुसरत दुर्गा का रूप धारण किए हुए नज़र आ रही थीं। इसके बाद वह सोशल मीडिया पर मौजूद कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई थीं। एक सोशल मीडिया यूज़र ने तो यहाँ तक लिख दिया था, “तुम्हारी मृत्यु का समय आ गया है। अल्लाह से डरो। क्या तुम अपने शरीर को ढक कर नहीं रख सकती? छी छी छी।” वहीं कुछ ने कहा कि उन्हें अपनी इस हरकत पर शर्म आनी चाहिए कि वह मुस्लिम होकर ऐसा कर रही हैं। ऐसा करने की वजह से वह सीधा जहन्नुम जाएँगी।
नुसरत फ़िलहाल एक बंगाली फिल्म की शूटिंग के लिए लंदन में हैं। इस तरह की धमकियों के बाद नुसरत के सहयोगी ने पश्चिम बंगाल सरकार और विदेश मंत्रालय ने शूटिंग के दौरान सुरक्षा बढ़ाने का निवेदन किया है। धमकियों को लेकर नुसरत ने खुद इंग्लैंड में भारत के उच्चायुक्त को पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने कहा है, “मैं दो दिन पहले शूटिंग के लिए यहाँ आई हूँ लेकिन मुझे सोशल मीडिया के ज़रिए लगातार धमकी दी जा रही है। इसमें कई कट्टरपंथी भारत और कई पड़ोसी देशों के हैं। इन बातों को मद्देनज़र रखते हुए मेरा आपसे निवेदन है कि मेरी सुरक्षा बढ़ाई जाए।” इसके पहले भी साल 2019 के दौरान हुई दुर्गा पूजा में सिन्दूर और मंगल सूत्र पहनने पर कट्टरपंथियों ने उन्हें खूब निशाने पर लिया था।