झारखण्ड के धनबाद में गैर बिरादरी की मुस्लिम लड़की से शादी करने वाले शेख परिवार को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। हालात यहाँ तक बिगड़े हैं कि पीड़ित परिवार को प्रताड़ना की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से करनी पड़ी है। बहिष्कार का आरोप इस्लाहिया बिरादरी पर है।
अपनी शिकायत में पीड़ित परिवार ने बताया है कि 3 साल से उनके परिवार का जीना हराम हो चुका है। उन पर जुर्माना भी लगाया गया। उनके घर से बात करने वाले को 5000 रुपए फाइन भरनी पड़ती है। यहाँ तक कि उनके घर के आगे से भी गुजरने से लोग परहेज कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िता का नाम जमीला खातून है। उन्होंने गुरुवार (25 नवम्बर) 2021 को उपायुक्त को पत्र लिख कर बताया है कि वह अपनी बहू परवीन के साथ झरिया के कुल्ही में रहती हैं। उनके दोनों बेटे बाहर रहते हैं। उनके बेटे शाहिद ने 3 साल पहले जमशेदपुर की रेशमा से निकाह किया था। हालाँकि रेशमा भी मुस्लिम हैं और निकाह भी पूरे इस्लामिक तौर तरीकों से हुआ। लेकिन कुछ लोगों ने रेशमा को शेख बिरादरी से बाहर का मुस्लिम बताते हुए विरोध शुरू कर दिया।
विरोध, प्रताड़ना और बहिष्कार का आरोप इस्लाहिया कमिटी शेख बिरादरी की मुस्लिम पंचायत कमिटी के आलम, इरफान, फहीम, वसीम, सफी आदि पर लगा है। पीड़िता ने बताया कि बेटे की शादी के बाद से मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके घर पर आना-जाना बंद कर दिया है। अंतरजातीय विवाह के नाम पर स्थानीय मुस्लिमों ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इस जुर्माने को उन्होंने कर्ज ले कर चुकाया। फिर भी उनके परिवार की प्रताड़ना जारी है।
पीड़ित जमीला ने रोते-रोते मीडिया को अपनी पूरी व्यथा बताई:
“प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले उनके मकान को बनाने से भी रोका जा रहा है। मेरे परिवार को लगातार मारा-पीटा जा रहा, गंदी-गंदी गालियाँ दी जा रहीं हैं। हम समाज को छोड़ दिए पर वो हमारा पीछा नहीं छोड़ रहे। मुझे धमकाते हुए कहा जा रहा कि तुम्हारा बेटा जब आएगा, तब उसे मारेंगे भी। उसको पैरों से रौंदेंगे। मुझे हार्ट और शुगर की बीमारी है। फिर भी मुझे और मेरी बहू को घर में घुस कर मारा गया और गंदी-गंदी गालियाँ दी गईं। जब हम थाने में इसकी शिकायत करते हैं तब पुलिस कम्प्रोमाइज करवा देती है। एक दिन शांत रहने के बाद वही सब फिर शुरू हो जाता है।”