पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (Beant Singh Murder) के हत्यारे दिलावर सिंह की तस्वीर अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के म्यूजियम में लगाई गई है। सिखों की सबसे बड़ी संस्था ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC)’ की ओर मंगलवार (14 जून, 2022) को आयोजित एक कार्यक्रम में मानव बम बनकर पूर्व सीएम की जान लेने वाले की तस्वीर म्यूजियम में लगाई गई। अकाल तख्त ने 23 मार्च 2012 को दिलावर सिंह बब्बर को ‘कौमी शहीद’ यानी अमर शहीद का दर्जा दिया था।
जहाँ सिख रेडिकल ग्रुप्स ने इस तस्वीर लगाने का समर्थन किया है, वहीं हिंदू संगठनों ने इसे गलत बताया है। हिंदू संगठन और ‘एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि बब्बर खालसा के आतंकी दोबारा पंजाब की अमन-शांति भंग करने की साजिश रच रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। आतंकियों की फोटो हरमंदिर साहब परिसर में लगाने से दरबार साहिब की पवित्रता भंग होगी।
उन्होंने कहा कि देश की एकता व अखंडता और सरदार बेअंत सिंह से प्यार करने वाले लोगों की भावनाओं को भी इससे ठेस पहुँचेगी और अगर SGPC ने दिलावर सिंह बब्बर की तस्वीर नहीं हटाई तो उनका संगठन जल्दी ही पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
दिलावर सिंह का तस्वीर लगाने का मामला संगरूर उपचुनाव से पहले आया है। बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर शिरोमणि, जो अकाली दल बादल की तरफ से चुनाव लड़ रही हैं, वह एसजीपीसी को नियंत्रित करती हैं। बेअंत सिंह हत्याकांड में मौत की सजा पाए पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना और दिलावर सिंह अच्छे दोस्त थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंट्रल सिख म्यूजियम में बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी दिलावर सिंह की तस्वीर लगाने में देरी का एक कारण यह भी था कि वह अपनी दाढ़ी काटता था। इसके अलावा, शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच गठबंधन भी से इसमें देरी हुई।
बता दें कि पंजाब पुलिस में तैनात दिलावर सिंह बब्बर ने 31 अगस्त 1995 को मानव बम बनकर पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह काे उनकी बुलेटप्रूफ कार के साथ उड़ा दिया था।