पश्चिम बंगाल में जनहित को देखते हुए डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन डॉक्टरों की शर्त है कि मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात बंद कमरे में न होकर, मीडिया के सामने हो। इस मीटिंग को लेकर अभी डॉक्टर या फिर सीएम की तरफ से कोई समय या स्थान की जानकारी नहीं दी गई है।
गौरतलब है इससे पहले शुक्रवार-शनिवार को डॉक्टरों ने सीएम से मुलाकात के निमंत्रण को ठुकरा दिया था। उनका कहना था कि इस मीटिंग को लेकर डॉक्टरों में काफ़ी डर है, जिसके कारण उनका कोई प्रतिनिधि सीएम से मुलाकात करने नहीं जाएगा। पहले डॉक्टरों की माँग थी कि ममता बनर्जी को एनआरएस मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल आकर डॉक्टरों से बात करनी चाहिए लेकिन ममता ने डॉक्टरों का बात नहीं मानी और अपनी हठ पर अड़ी रहीं। उनकी इस हठ के कारण बिहार में भी 12,000 डॉक्टर आज हड़ताल पर हैं जहाँ AES से अब तक 100 से ज्यादा बच्चे मर चुके हैं।
Junior doctors of #NRSMedicalCollege and Hospital, Kolkata, West Bengal, after a general body meeting: We want immediate end to this impasse by discussion with the CM, which, to maintain transparency, shouldn’t be behind closed doors, but open to media under camera coverage. pic.twitter.com/N8Spu1yRci
— ANI (@ANI) June 16, 2019
हालाँकि इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि भले ही बंगाल में हड़ताल खत्म हो जाए, लेकिन वह डॉक्टरों की सुरक्षा की माँग के लिए सोमवार (जून 17, 2019) को देशभर में हड़ताल करेंगे। उनकी ये हड़ताल सेंट्रल एक्ट को लेकर होगी। आईएमए के मुताबिक इस मामले पर सालों से माँग चली आ रही है, लेकिन उन्हें बदले में केवल आश्वासन ही मिलता है।
ये हड़ताल आज सुबह 6 बजे से शुरू होकर कल (18 जून 2019) सुबह 6 बजे तक होगी। इन 24 घंटों में देशभर से 5 लाख डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। वहीं युनाईटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स असोसिएशन इंडिया का कहना है कि उनकी हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी माँग का कोई समाधान नहीं निकलता। इसी प्रकार डीएमए (दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन) ने भी सभी निजी क्लिनिक और सेंटर से अपने अस्पताल, क्लिनिक और लैब बंद रखने की अपील की है।
हड़ताल के दौरान दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक में ओपीडी बेसिस पर इलाज संभव होगा। दिल्ली सरकार के डीजीएचएस डॉक्टर अशोक कुमार राणा ने बताया है कि मोहल्ला क्लीनिक में स्ट्राइक का असर नहीं होगा, यहाँ रुटीन में ही पहले की तरह इलाज होगा। इसके अलावा हड़ताल होने के बावजूद सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में इमरजेंसी में इलाज होगा। इस हड़ताल में दिल्ली का एम्स शामिल नहीं होगा, यहाँ आम दिनों की तरह इलाज किया जाएगा। एम्स के मुताबिक, डॉक्टर इस आंदोलन के समर्थन में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराएँगे लेकिन सोमवार को आम दिनों की तरह ओपीडी में मरीजों का इलाज करेंगे।