चिकित्सा पद्धति एलोपैथी के विषय में योग गुरु बाबा रामदेव के द्वारा दिए गए बयान पर अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी आपत्ति जताई है और बाबा रामदेव से अपना बयान वापस लेने की माँग की है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भी बाबा रामदेव के बयान पर आपत्ति दर्ज करा चुका है।
हाल ही में बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह एलोपैथी की निंदा करते हुए सुने गए। उन्होंने कहा कि एलोपैथी दवाओं के कारण ही कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जान गई है। इस पर बाबा रामदेव को चिट्ठी लिखते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सम्पूर्ण देशवासियों के लिए Covid-19 से युद्धरत डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। ऐसे में बाबा रामदेव के आपत्तिजनक बयान ने देशभर की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने चिट्ठी ट्वीट करते हुए योगगुरु रामदेव से अपना बयान वापस लेने की माँग की है।
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
अपनी चिट्ठी में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आज यदि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की मृत्यु दर सिर्फ 1.13% और रिकवरी रेट 88% है तो उसके पीछे एलोपैथी और उसके डॉक्टरों का बड़ा योगदान है। ऐसे में कोरोना वायरस के इलाज में एलोपैथी को तमाशा, बेकार और दिवालिया बताया जाना दुर्भावनापूर्ण है।
उन्होंने यह भी कहा कि बाबा रामदेव सार्वजनिक जीवन में हैं। ऐसे में उनका बयान बहुत मायने रखता है। इसलिए यह आवश्यक है कि उन्हें कोई भी बयान समय, काल व परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए देना चाहिए।
ज्ञात हो कि डॉ. हर्षवर्धन से पहले IMA ने बाबा रामदेव पर एलोपैथी पर दिए गए बयान पर कार्रवाई करने की माँग की थी। IMA द्वारा जारी किए गए माँग पत्र पर IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जे ए जयलाल और मानद महासचिव डॉ. जयेश एम लेले के हस्ताक्षर थे। ये वही डॉ. जयलाल हैं जो चाहते थे कि IMA ‘जीसस क्राइस्ट के प्यार’ को साझा करे और सभी को भरोसा दिलाए कि जीसस ही व्यक्तिगत रूप से रक्षा करने वाले हैं। उन्होंने कहा था कि चर्चों और ईसाई दयाभाव के कारण ही विश्व में पिछली कई महामारियों और रोगों का इलाज आया।
ज्ञात हो कि हाल ही में बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि एलोपैथी ऐसी बेकार साइंस है कि पहले इनकी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन फेल हो गई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई। फिर एंटीबायोटिक्स इनके फेल हो गए, स्टेरॉयड फेल हो गए। प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी बैन लग गया। आइवरमेक्टिन भी फेल हो गई। बुखार के लिए फैबिफ्लू दे रहे हैं, वो भी फेल है।