Friday, November 8, 2024
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‘जन्नत में अल्लाह देते हैं बड़े-बड़े स्तनों वाली महिलाएँ, हूर को पेशाब-शौच नहीं लगती’: केरल के मौलाना पर मीडिया रिपोर्ट

"अगर जन्नत में जाने वाले किसी मुस्लिम को बड़े-बड़े स्तनों वाली महिलाओं की ज़रूरत होगी, तो अल्लाह उन्हें उनकी पसंद के हूर देते हैं। जन्नत में अल्लाह ने शराब की एक नदी बना रखी है, जिसमें वहाँ रहने वालों को तैरने की पूरी अनुमति है। वहाँ पर शराब पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।"

केरल में मौलाना ईपी अबूबकर कासमी के एक भाषण के बाद विवाद खड़ा हो गया है। मलयालम में इस्लामी भाषण देने वाले ईपी अबूबकर कासमी मुस्लिम होने के फायदा गिना रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ये भी बताया कि मुस्लिमों को जन्नत में क्या-क्या मिलता है। इस दौरान वो कह बैठे कि जन्नत में ‘बड़े-बड़े स्तनों वाली महिलाएँ’ मिलती हैं। महिलाओं के लिए इस तरह आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल के बाद उनका विरोध हो रहा है। ईपी अबूबकर कासमी के भाषण सोशल मीडिया पर कई मुस्लिम सुनते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि जन्नत में शराब की नदियाँ बहती हैं और बड़े-बड़े बँगलों के साथ-साथ बाग़-बगीचे की सुविधा भी मिलती है। उन्होंने दावा किया कि अल्लाह के जन्नत में जो महिलाएँ होती हैं, वो न तो पेशाब करती हैं और न ही उन्हें शौच करने की कभी ज़रूरत पड़ती है। उन्होंने दावा किया कि जन्नत जाने वाले मुस्लिमों को वहाँ की ‘हूरों’ की गोद में बैठने का सौभाग्य प्राप्त होता है। महिला विरोधी बयानों के कारण मौलाना भले विवादों में हो, लेकिन केरल के नेता इस पर अब भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे।

‘ऑर्गनाइजर’ की खबर के अनुसार, मौलाना ने कहा, “अगर जन्नत में जाने वाले किसी मुस्लिम को बड़े-बड़े स्तनों वाली महिलाओं की ज़रूरत होगी, तो अल्लाह उन्हें उनकी पसंद के हूर देते हैं। जन्नत में अल्लाह ने शराब की एक नदी बना रखी है, जिसमें वहाँ रहने वालों को तैरने की पूरी अनुमति है। वहाँ पर शराब पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, क्योंकि अल्लाह ने ही शराब की नदी का निर्माण किया है।” बता दें कि सामान्यतः इस्लाम में शराब को हराम माना जाता है और इसे न पीने की सलाह दी जाती है।

मौलाना ईपी अबूबकर ने ये भी बताया कि जन्नत में मुस्लिमों को शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें नहीं लगानी पड़ती हैं, क्योंकि सब कुछ मुफ्त में मिलता है और उसकी मात्रा असीमित होती है। उन्होंने ये अजोबोग़रीब दावा कर दिया कि जन्नत की हूर के पास सोचने-समझने की ताकत भी नहीं होती। हालाँकि, उम्मीद कम ही है कि महिला विरोधी बयानों के बावजूद केरल की वामपंथी CPI(M) सरकार कुछ कार्रवाई करेगी, क्योंकि इसका मुस्लिम तुष्टिकरण का लंबा इतिहास रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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