पुणे के भोसरी जमीन घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के नेता एकनाथ खडसे को बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार किया है। मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में करीब 13 घंटे की पूछताछ के बाद एजेंसी ने चौधरी को गिरफ्तार किया।
ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि मंगलवार (6 जुलाई 2021) सुबह चौधरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। देर शाम तक पूछताछ चलती रही और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान ईडी अधिकारियों ने उन दस्तावेजों को भी परखा जो चौधरी साथ लेकर आए थे।
इसी साल जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने खडसे से भी पूछताछ की थी। उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा छोड़कर एनसीपी में शामिल होने के कारण उनपर ये कार्रवाई की गई है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि जमीन सौदे में खडसे आरोपित नहीं हैं, लेकिन वे पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होते हैं तो उनको गिरफ्तार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 तक खडसे भाजपा में थे। वे फडनवीस सरकार की कैबिनेट में मंत्री भी थे। लेकिन घोटाले का आरोप लगने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
क्या है पुणे लैंड डील
पुणे के पास एमआईडीसी में जमीन खरीदी की गई थी। इसी मामले में वर्ष 2017 में एसीबी ने खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी, दामाद गिरीश चौधरी समेत जमीन के मालिक अब्बास अकानी के खिलाफ केस दर्ज किया था। मामले में हेमंत गावंडे नाम के व्यक्ति ने खडसे पर सरकारी खजाने को लूटने का आरोप लगाया था। इसी आधार पर यह केस दर्ज किया गया था। हालाँकि, साल 2018 में एसीबी ने खडसे को क्लीनचिट दे दी थी।
इस मामले में खडसे ने सफाई देते हुए कहा था कि उनकी पत्नी ने वो जमीन खरीदी थी। उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने ये भी कहा था कि जमीन सौदे की चार बार जाँच हो चुकी है और हर बार उन्होंने जाँच में सहयोग किया है।