तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के नेता साकेत गोखले (Saket Gokhale) को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (25 जनवरी 2023) को गिरफ्तार किया। साकेत धोखाधड़ी के मामले में पहले ही गुजरात की जेल में बंद हैं।
साकेत गोखले पर आरोप है कि उन्होंने क्राउड फंडिंग के जरिए करोड़ों रुपए जुटाए और उसका दुरुपयोग किया। कहा जा रहा है कि ED टीएमसी नेता की रिमांड के लिए अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी। अगर ED को रिमांड मिल जाती है तो गोखले को पूछताछ के लिए अहमदाबाद ऑफिस ले जाया जाएगा।
बता दें कि क्राउड फंडिंग के मामले में गुजरात पुलिस ने 29 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा को लेकर झूठ फैलाने पर साकेत गोखले को दिसंबर में ही दो बार गिरफ्तार किया गया था।
अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ IPC की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 467 (जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि गोखले एक पूर्व आरटीआई एक्टिविस्ट हैं और वर्तमान में तृणमूल कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर फैलाए गए झूठ के मामले में साकेत गोखले ने एक मनगढ़ंत समाचार रिपोर्ट साझा की थी। गुजराती समाचार पत्र की कथित क्लिपिंग साझा करते हुए दावा किया था कि पीएम मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
जो क्लिपिंग साझा की थी, वह कथित तौर पर ‘गुजरात समाचार’ का था। भाजपा ने इसे मनगढ़ंत बताते हुए कहा था कि ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है। साथ ही बताया था कि ऐसा कोई आरटीआई जवाब भी नहीं है। ‘गुजरात समाचार’ ने भी कहा था कि उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित ही नहीं की है।
दरअसल, क्राउड फंडिंग को लेकर अहमदाबाद के एक व्यक्ति ने गोखले के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। उस व्यक्ति ने ऑनलाइन मोड में गोखले को 500 रुपए का चंदा दिया था। पुलिस ने कहा, “मामला सिर्फ 500 रुपए का नहीं है, क्योंकि टीएमसी नेता ने ‘हमारे लोकतंत्र’ मंच के जरिए 1,700 से अधिक लोगों से 70 लाख रुपए से भी ज्यादा इकट्ठे किए। उन पैसे का उन्होंने निजी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया।”
बता दें कि इससे पहले सोमवार (23 जनवरी 2023) को गुजरात हाईकोर्ट ने क्राउड फंडिंग के दुरुपयोग को लेकर गोखले को जमानत से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही उन्हें चार्जशीट दायर होने के बाद अदालत आने के लिए कहा था। इससे पहले अहमदाबाद के मजिस्ट्रेट कोर्ट और सत्र न्यायालय जमानत की अर्जी ठुकरा चुका था।