प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने Amway की 757.77 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थाई तौर पर कुर्क कर लिया है। Amway पर मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी की आड़ में पिरामिड फ्रॉड (लोगों की जॉइनिंग के जरिए धोखा) करने का आरोप है।
सोमवार (18 अप्रैल 2022) को केंद्रीय एजेंसी ने Amway पर की गई कार्रवाई को लेकर जारी बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में Amway की जमीनें, कारखाने, उसके प्लांट, मशीनरी, गाड़ियाँ, उसके बैंक अकाउंट और फिस्क डिपॉजिट को अटैच कर लिया गया है।
Enforcement Directorate (ED) attaches assets worth Rs 757.77 crores belonging to Amway India Enterprises Private Limited, says the agency.
— ANI (@ANI) April 18, 2022
Amway के 36 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स से 411.83 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियाँ औऱ 345.94 करोड़ रुपए के बैंक बैलेंस को अस्थाई तौर पर कुर्क किया गया है। जाँच एजेंसी के मुताबिक एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच कर रही थी तो उसे इस घपले का पता चला था। ईडी का कहना है कि जाँच में ये पाया गया है कि कंपनी द्वारा पेश किए जाने वाले अधिकांश उत्पादों की कीमतें खुले बाजार में उपलब्ध प्रतिष्ठित निर्माताओं के वैकल्पिक लोकप्रिय उत्पादों की तुलना में बहुत अधिक हैं।
ED ने @amwayindia की ₹757.77 करोड़ की संपत्ति मनी लॉड्रिंग कानून में अटैच की। इसमें 36 बैंकों में जमा ₹345.94 करोड़ भी शामिल है। @amwayindia सबसे पुरानी MLM(Multi Level Marketing) कंपनियों में से एक है। pic.twitter.com/LT9VLPGoa6
— Jitender Sharma (@capt_ivane) April 18, 2022
27 हजार करोड़ से अधिक की कमाई की
इस बात का खुलासा हुआ है कि Amway कंपनी ने भारत में 2002-03 से 2021-22 तक अपने बिजनेस के जरिए 27,562 करोड़ रुपए की भारी भरकम कमाई की। अपनी इसी कमाई में से उसने भारत और अमेरिका में 2002-03 से 2020-21 वित्त वर्ष के दौरान अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स और मेंबर्स को 7588 करोड़ रुपए का कमीशन दिया था।
जाँच एजेंसी ने कहा, “असली तथ्य को जाने बिना ही भोली-भाली जनता कंपनी से जुड़कर इसकी अधिक कीमतों वाले प्रोडक्ट को खरीदने के लिए प्रेरित होती है। इससे उसकी मेहनत की कमाई खो जा रही है। इससे जुड़ने वाले नए मेंबर कंपनी के प्रोडक्ट को उपयोग करने के लिए खरीदने की बजाए इसका मेंबर बनकर अमीर बनने के लिए अपलाइन मेंबर्स द्वारा ऐसा करवाया जाता है। जबकि, सच्चाई ये है कि अपलाइन मेंबर्स को मिलने वाला कमीशन इसके प्रोडक्ट की बढ़ी कीमतों के लिए जिम्मेदार है।”
कंपनी केवल इस बात पर जोर देती है कि कैसे इसके मेंबर बनकर दूसरे मेंबर बनाए जाते हैं। जबकि प्रॉडक्ट पर किसी भी तरह का ध्यान नहीं है। इसी मल्टी लेवल मार्केटिंग पिरामिड फ्रॉड में प्रोडक्ट का इस्तेमाल केवल इसे छिपाने के लिए किया जाता है।
वर्ष 1996-97 में Amway ने भारत में 21.39 करोड़ रुपए के शेयर कैपिटल लेकर आई थी, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 तक कंपनी ने अपने निवेशकों और मूल संस्थाओं को लाभांश, रॉयल्टी और अन्य भुगतान के नाम पर 2,859.10 करोड़ रुपये की भारी राशि बाहर भेजा है।