Saturday, November 16, 2024
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‘अंबानी से वसूली करना चाहता था वाजे… लेकिन किसके इशारे पर?’: ED दर्ज कर सकता है मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

मुकेश अंबानी जैसी हस्ती से वसूली करना सचिन वाजे जैसे स्तर के पुलिस अधिकारी के अकेले के बलबूते की बात नहीं थी, ऐसे में ये रकम आखिर जानी कहाँ थी?

मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे परमबीर सिंह ने एक पत्र के माध्यम से आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एंटीलिया मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को प्रतिमाह 100 करोड़ रुपए की उगाही का लक्ष्य दिया था। इस प्रकरण के सामने आने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी सक्रिय हो गया है। ED अब NIA से इस जाँच का विस्तृत ब्यौरा माँगने की तैयारी में लगा हुआ है।

अगर परमबीर सिंह के इस 8 पन्ने के पत्र की जाँच के दौरान कोई भी लीड मिलती है तो ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर के जाँच शुरू कर देगा। ‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, ED ने कहा कि अगर परमबीर सिंह के आरोपों में सच्चाई है तो ये मामला हजारों करोड़ रुपयों का हो जाता है और इसीलिए इसकी तह तक जाना ज़रूरी है। अधिकारी ने कहा कि अवैध सम्पत्तियों को चिह्नित कर उनकी वसूली ही ED का कार्य है।

साथ ही इसके पूरे नेटवर्क और लेनदेन का पता भी लगाया जाता है, जिसके लिए सम्बंधित लोगों से पूछताछ भी की जाती है। चल-अचल, नकद या फिर क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल रूप में ही वो संपत्ति क्यों न हो, ED हर तरह के अवैध लेनदेन पर शिकंजा कसता है। गौर करने वाली बात है कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर बम लदी स्कॉर्पियो कार खड़ी करने के पीछे का मकसद अब तक सचिन वाजे ने नहीं बताया है।

अभी तक अधिकारियों का मानना है कि एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति को भयभीत कर के सचिन वाजे ने मोटी रकम वसूलने की साजिश रची थी, लेकिन वो खुद ही इसमें फँस गया। सबसे बड़ा पेंच ये है कि मुकेश अंबानी जैसी हस्ती से वसूली करना सचिन वाजे जैसे स्तर के पुलिस अधिकारी के अकेले के बलबूते की बात नहीं थी, ऐसे में ये रकम आखिर जानी कहाँ थी? यहीं परमबीर सिंह के पत्र में लगे आरोपों से आगे की लीड मिलती है।

सचिन वाजे की गाड़ी में 5 लाख रुपए के नोट गिनने की मशीन मिली थी, जिससे पता चलता है कि वो वाजे वसूली के धंधे में लगा हुआ था। ED को अब NIA द्वारा दर्ज की गई FIR की कॉपी का इंतजार है, जिसके बाद मामला दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी जाएगी। इस पूरी साजिश में कौन-कौन शामिल था और वसूली का नेटवर्क कहाँ तक है, इन सबकी जाँच की जाएगी। फ़िलहाल NCP ने कहा है कि अनिल देशमुख इस्तीफा नहीं देंगे।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि गृहमंत्री पर जो आरोप लगाए गए हैं, वो गंभीर हैं और उनके खिलाफ फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेना है और इस पर एक-दो दिनों में बातचीत करके फैसला ले लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी यहाँ आने से पहले इस विषय पर मुख्यमंत्री ठाकरे से भी बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, “पत्र में 100 करोड़ वसूलने के लिए कहा गया। मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पत्र में कहीं नहीं लिखा कि क्या पैसे दिए गए हैं?”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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